षह, षाह व जाटों की आह

February 12 2017


यूपी में जाटों के भाजपा विरोधी रूख को देखते हुए वहां पहले चरण के मतदान के कोई पांच दिन पहले केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के नई दिल्ली स्थित आवास पर प्रमुख जाट नेताओं की अहम बैठक बुलाई गई। इस बैठक को आयोजित कराने में यूपी से आने वाले और केंद्र सरकार में मंत्री संजीव बालियान की भी एक महती भूमिका रही। सूत्रों का दावा है कि यह बैठक भाजपाध्यक्ष अमित षाह के निर्देष पर बुलाई गई थी। षाह चाहते थे कि बैठक में 100 से 150 प्रमुख जाट नेताओं को बुलाया जाए। पर जब षाह वहां पंहुचे तो देखा 1200 के आसपास जाट नेताओं की भीड़ वहां जमी थी। कहते हैं इस पर षाह ने सिंह व बालियान को डपटा भी कि उन्हें कोई जनसभा नहीं चाहिए थी, बल्कि आपस में बात करनी थी। फिर षाह ने उपस्थित जनसमूह से जानना चाहा कि आखिर जाटों को भाजपा से तकलीफ क्या है? इस पर बेहद प्रायोजित अंदाज में कुछ जाट नेताओं ने षाह से कहा कि मोदी सरकार में बीरेंद्र सिंह और संजीव बालियान दोनों ही जाट नेताओं को छोटा मंत्रालय दिया गया है। इससे बिरादरी नाराज़ है। षाह को सारा माज़रा समझ आने लगा था। इतने में एक युवा जाट ने बेहद तल्खी भरे अंदाज़ में कहा-‘आपने हमारे छोटे चौधरी जयंत को मिलने के लिए बुलाया और उनसे डेढ़ घंटे इंतज़ार करवाया।’ सूत्र बताते हैं कि इस पर षाह ने कहा कि ’उनकी हमें जरूरत नहीं।’ जवाब आया-‘यह तो समय बताएगा कि किसको किसकी जरूरत पड़ेंगी।’ फिर जब षाह भोजन करने बैठे तब भी अप्रिय सवालों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा।

 
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