बदला शाहरूख का रूख |
February 08 2014 |
यह कहानी शुरू होती है कोई तीन साल पहले, जब शाहरूख खान और अर्जुन रामपाल में दांत कटी रोटी वाली दोस्ती थी, शाहरूख के कांग्रेस में दोस्तों की कोई कमी नहीं, उनके कई दोस्त तो मनमोहन सरकार में मंत्रिपद की शोभा भी बढ़ा रहे हैं, सो अपने एक मित्र राजनीतिज्ञ से कहकर शाहरूख ने अपने मित्र अर्जुन को नई दिल्ली के एक सरकारी पंचतारा होटल में लीज पर 30 लाख रुपए महीने की दर पर एक डिस्कोथेक दिलवा दिया, रामपाल का चेहरा सामने था, शाहरूख बिजनेस में सायलेंट पार्टनर थे, नाच-गाना तो खूब हुआ, पर बिजनेस नहीं चला, इस होटल को संचालित करने वाली आईटीडीसी लीज-किराया मांगती रही, अर्जुन समय-समय पर किराया देने से चुकते रहे, बिजनेस डूबता देख शाहरूख ने इस बिजनेस से खुद को अलग कर लिया और तीन साल में अर्जुन पर तकरीबन साढ़े चार करोड़ बकाया हो गए, जब आईडीटीसी ने फिर किराया मांगा तो अर्जुन ‘किराया माफी’ के लिए कोर्ट चले गए, कोर्ट ने उन्हें झाड़ पिलाई और डेढ़ करोड़ रुपए तो तुरंत जमा करने को कहा, कोर्ट की लताड़ पर अर्जुन ने डेढ़ करोड़ तो जमा करा दिए हैं, बाकी 3 करोड़ के लिए खुद को दिवालिया घोषित करने की जुगत भिड़ा रहे हैं, बॉलीवुड के सबसे अमीर शाहरूख के दोस्तों का यह हाल? |
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