मार्च में गुजरात कूच कर सकते हैं शाह |
August 07 2016 |
विजय रूपानी के रूप में जहां गुजरात को नया सीएम मिला, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रूतबे को एक नया मुकाम। सनद रहे कि शाह से मन मुटाव के बाद जब आनंदीबेन ने अपना इस्तीफा सौंपा था तो उन्होंने प्रखरता से अपने मन की बात को मोदी के समक्ष स्वर दिए थे कि चाहे किसी को उनकी जगह सीएम बनाया जाए पर विजय रूपानी नहीं बनने चाहिए। विधायकों की बैठक में भी साफ तौर पर यह कश्मकश देखी गई, जब आनंदीबेन समेत कई विधायकों की पार्टी चीफ अमित शाह से तीखी नोंक झोंक हो गई, वह तो मोदी के वीटो ने शाह की पगड़ी की लाज रख ली। वहीं इस फैसले से यह भी साबित हो गया कि शाह की कही बातें पार्टी में पत्थर की लकीर है, क्योंकि गुजरात भाजपा प्रमुख रहते रूपानी ने सदैव शाह की भावनाओं को सर्वोपरि माना और आनंदीबेन के रास्ते को कांटो भरा बनाया। नितिन पटेल के नाम को एक वक्त प्रधानमंत्री की हरी झंडी मिल चुकी थी, ज्यादातर भाजपा विधायक भी उनके पक्ष में बताए जाते थे, पर शाह ने अपने सबसे भरोसेमंद रूपानी के लिए सियासी खेल का पांसा पलट दिया। विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि रूपानी ऐसे नेता हैं जो शाह के लिए आने वाले दिनों में अपनी कुर्सी छोड़ सकते हैं, गुजरात में 2017 अक्तूबर के आसपास विधानसभा चुनाव होने हैं, चुनांचे यूपी चुनाव जब मार्च में पूरे हो जाएंगे तब बतौर सीएम शाह की गुजरात में ताजपोशी हो सकती है, शाह की महत्त्वाकांक्षाओं के इसी रोड मैप को साकार बनाने के लिए रूपानी काम करते नज़र आ सकते हैं। |
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