सरकार में शामिल हो सकते हैं शाह |
May 26 2015 |
वह बुद्ध की तरह आचरण करते हैं, पर बुद्ध नहीं हैं और न ही बुद्ध से किंचित करुणा, क्षमा या उदात्तता ही उधार लेने की कोशिश करते हैं, पिछले दिनों जब भाजपा के शीर्ष पुरुष अमित शाह नागपुर तलब किए गए तो संघ नेतृत्व ने उन्हें यही समझाने की कोशिश की कि कैसे केंद्र में भगवा सरकार के आसीन होने के महा एक वर्ष के अंदर पार्टी के आम कार्र्यकत्ताओं और शीर्ष नेतृत्व के बीच दूरियां बढ़ी है। समझा जाता है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से अपना पुराना स्टैंड सामने रखा कि भाजपा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को एक ही राज्य (गुजरात) से नहीं होना चाहिए, इसी परिप्रेक्ष्य में संघ नेतृत्व ने राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से खुलकर बातचीत की। अगले चंद दिनों में जहां अमित शाह अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं (समझा जाता है कि इस टीम में अर्जुन मुंडा, आर.अशोक जैसे नए चेहरों को जगह मिल सकती है) वहीं एक कयास यह भी लग रहा है आने वाले दिनों में भाजपा को एक नया अध्यक्ष मिल सकता है और शाह या तो गुजरात सरकार की कमान संभाल सकते हैं या फिर केंद्रनीत मोदी सरकार में उन्हें किसी अहम मंत्रालय से नवाजा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि उन्हें गृह, ग्रामीण विकास या कृषि में से कोई एक मंत्रालय सौंपा जा सकता है, अब तो शाह भी इन नई परिस्थितियों के लिए तैयार बताए जाते हैं। |
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