संघ का फिल्म समारोह |
March 11 2017 |
भाजपा की विजय यात्रा को रंग-रौगन कर उसे चाक-चैबंद करने का जिम्मा आगे बढ़ कर संघ ने भी अपने कंधों पर उठा रखा है। संघ न सिर्फ भगवा जमीन तैयार कर रहा है बल्कि उसमें संस्कृति और राश्ट्रीयता का नया छौंक भी लगा रहा है। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए संघ और उसके आनुशांगिक संगठन नए प्रयोगों को आजमा रहे हैं। इस कड़ी में संघ की योजना ’षाॅर्ट फिल्मस’ समारोह आयोजित करने की है, इसका आगाज़ अल्पसंख्यक प्रेम में आकंठ छूती दीदी के राज्य बंगाल से होने जा रहा है। संघ की इस पहल का नामकरण ’मानुश चाय’ हुआ है इस षाॅर्ट फिल्मस समारोह के लिए अब तक कोई 50 से ज्यादा फिल्मों के लिए आवेदन आ चुके हैं। अप्रैल में होने वाले इस समारोह को संघ की एक बड़ी पहल के तौर पर देखा जा रहा है। संघ का मीडिया विंग-विष्व संवाद केंद्र ’मानुश चाय’ की परिकल्पना को साकार करने में कहीं षिद्दत से जुटा है। और इस पूरी परिकल्पना को विवेकानंद के आदर्षों से प्रेरित बता रहा है, पर जब लेंस पर पूर्वाग्रहों के रंग चढ़ने लगेंगे और रचनात्मकता पर कुंद आदर्षवादिता की जंग लगने लगेगी तो कोई भी प्रेरक व अर्थवान सिनेमा अपना मतलब खोने लगेगा। |
Feedback |