राहुल की कोटरी |
January 05 2014 |
कांग्रेस के नए कर्णधार राहुल गांधी इन दिनों एक बदले अवतार में नजर आते हैं, इन दिनों वे चुस्त-दुरूस्त और फौरी निर्णय ले रहे हैं, उन्हें कुछ करने की जल्दी है, सो इन दिनों कांग्रेस में बड़े-बड़ों की भी बोलती बंद है, इनमें से कईयों ने सोनिया से मिलकर यह शिकायत की है कि अब पार्टी में सामूहिक निर्णय की परिपाटी खत्म हो गई है, सभी अहम निर्णय की बागडोर राहुल की एक कोटरी के पास आ गई है। जैसे जयराम रमेश इन दिनों राहुल को डायरेक्ट और पार्टिसिप्टेरी डेमोक्रेसी का पाठ पढ़ा रहे हैं, यही वजह है कि राहुल इन दिनों एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट के मानिंद आचरण कर रहे हैं। संगठन के मामले में राहुल जयराम रमेश, मधुसूदन मिस्त्री, जनार्दन द्विवेदी और कनिष्क सिंह से विचार विमर्श कर रहे हैं, मीडिया का पूरा जिम्मा उन्होंने अजय माकन को सौंप रखा है, वॉर रूम का काम दीपेंद्र हुड्डïा देख रहे हैं, सैम पित्रौदा इन दिनों राहुल के करीबियों में शुमार हैं, राहुल उनसे हर तरह की राय-विचार कर लेते हैं, राहुल के भाषणों को मांजने-चमकाने का काम सुमन दुबे कर रहे हैं, वहीं युवराज की इमेज चमकाने का जिम्मा एक विदेशी कंपनी आई पैन ने संभाल रखा है। |
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