नई सियासत की इबारत लिखेंगे राहुल |
January 13 2014 |
अगर 17 जनवरी के आस पास राहुल गांधी की ताजपोशी बतौर देश के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर होती है तो वह नई बदलावों के आहट से लबरेज कांग्रेस का एक नया चेहरा सामने लेकर आएंगे। अपने मंत्रिमंडल में भी युवा व साफ सुथरे चरित्र व चेहरे वालों को जगह देंगे। जनतंत्र में सहभागिता के राग को बुलंद करने के इरादे से ग्रास रूट से जुड़े लोगों को प्राथमिकता मिलेगी। जरूरी हुआ तो राहुल व उनकी नई टीम मनमोहन नीति पर भी हमला करने से नहीं चूकेगी, सुप्रीम कोर्ट में एटॉर्नी जनरल की इस राय को इसी चश्मे से देखा जा सकता है कि मनमोहन को लेकर कांग्रेस का रवैया बदल रहा है, जब एटॉर्नी जनरल ने कोर्ट में माना कि कोयला आबंटन मामले में कुछ न कुछ गलत हुआ है, यह बयान एक बड़े बदलाव की सुगबुगाहट है क्योंकि आम तौर पर ए.जे सरकार के पक्ष को ही सामने रखता है। राहुल कुछ ऐसे कठोर निर्णय लेंगे कि लोगों की उनके प्रति राय बदले, संसद के आने वाले सत्र में ज्यादा से ज्यादा बिल पास कराए जा सकते हैं, व्हिसल ब्लोअर व महिला आरक्षण बिल को सदन के पटल पर रखा जा सकता है, यानी कांग्रेस अपने युवराज को एक नए अवतार में पेश करने के लिए कृत संकल्प जान पड़ती है। |
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