प्रियंका का बजने लगा डंका |
July 17 2016 |
कुछ अचंभित भंगिमाओं के साथ कांग्रेस के नेतागणों ने अपनी नेत्री प्रियंका गांधी को एक बदले अवतार में देखा। प्रियंका ने अपने अकाट्य तर्कों से एकबारगी भाई राहुल का भी मुंह बंद कर दिया। पार्टी की उस अहम बैठक में प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में राहुल ने साफ कर दिया कि वे न तो शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में हैं और न ही संजय सिंह को लेकर ही वे कोई ज्यादा उत्साहित हैं। राहुल तो राज बब्बर की जगह राजाराम पाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मुखिया बनाना चाहते थे। दूसरी ओर संजय सिंह भी अध्यक्ष पद की अपनी दावेदारी को लेकर अड़े थे। राहुल का मानना था चूंकि शीला दीक्षित भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हैं, चुनांचे ऐसे वक्त जबकि भाजपा नैतिकता व शुचिता का खटराग अलाप रही है, तो शीला की आड़ में बीजेपी कांग्रेस पर पैना हमला साध सकती है। प्रियंका और प्रशांत किशोर दोनों इस राय के थे कि श्रीमती दीक्षित का चेहरा आगे करने से प्रदेश के 29 फीसदी ब्राह्मण वोटों में सेंध लगाई जा सकती है, इसके साथ इस समीकरण में राजपूत, मुस्लिम व दलित (गैर चमार) वोटों को भी जोड़ा जा सकता है। |
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