प्रियंका के प्रिय |
March 24 2014 |
भोजपुरी स्टार रवि किशन को जौनपुर से लड़ाने में भी प्रियंका गांधी की एक अहम भूमिका रही, सबसे पहले उन्होंने कृपाशंकर सिंह को यह जिम्मा सौंपा था कि वे रवि किशन से बात करें, कृपाशंकर ने बात की तो रवि टाल मटोल करते रहे, फिर प्रियंका ने राजीव शुक्ला को यह काम सौंपा। सियासी जोड़-तोड़ में माहिर शुक्ला जी ने अगले ही रोज रवि को प्रियंका के दरबार में हाजिर करा दिया, रवि किशन प्रियंका के अनुरोध को ठुकरा नहीं पाए और उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩे के लिए हामी भर दी। इस पूरे मामले में टिï्वस्ट यह थी कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह स्वयं रवि किशन के निरंतर संपर्क में थे, एक तरह से उन्होंने रवि को भाजपा के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लडऩे को राजी कर लिया था कि ऐन वक्त प्रियंका ने भाजपा का सारा दांव उलट दिया। इसी तरह पार्टी राज बब्बर को लखनऊ से लड़ाना चाहती थी, पर स्थानीय जातीय समीकरणों को देखते हुए प्रियंका ने उन्हें गाजियाबाद भेज दिया, क्योंकि वहां मुस्लिम, जाट व पंजाबी वोटों से जीत-हार का समीकरण बदल सकता है। उसी प्रकार अर्जुन सिंह के पुत्र को सतना से लड़ाने का निर्णय, पूर्णमासी राम को गोपालगंज से तथा आचार्य प्रमोद और इमरान मसूद को मैदान में उतारने का निर्णय भी प्रियंका का ही था। वहीं प्रियंका ने अपने लिए तय किया है कि वह लोकसभा का अगला चुनाव राय बरेली से लड़ेंगी, अपनी मां की सीट से, यानी यह चुनाव सोनिया का आखिरी चुनाव साबित होगा, वहीं अब प्रियंका के सक्रिय राजनीति में उतरने के भी स्पष्टï संकेत मिलने लगे हैं। |
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