अभी -अभी भले ही मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली हो, पर मोदी सरकार की नीतियों और उसके चेहरे-मोहरे को जनता के बीच चमकाने की कवायद शुरू हो गई है और इसका रोडमैप तैयार होने लगा है। इस काम में मोदी ने अपने तीन विश्वस्तों को लगाया है। ये तीनों वही हैं जो 2014 के आम चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रचार-प्रसार अभियान को एक नई उंचाइयां दी थीं, यानी पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और मनोज लडवा। इस आम चुनाव की तैयारियों में भी मनोज लडवा के नेतृत्व में मोदी की एक कोर टीम 3-4 साल पहले से ही उनके चुनावी अभियान की रूपरेखा बुनने में जुट गई थी। इस टीम ने अमेरिका और ब्रिटेन के पूरे चुनावी अभियान का अध्ययन किया। इस काम में उन्हें ‘एपको वल्र्डवाइड’ और सुकांति घोष का भी पूरा सहयोग मिला। खासकर अमेरिकी प्रेसीडेंट ओबामा के प्रचार अभियान को भारतीय संदर्भ में उतारने के लिए उसकी एक पूरी ‘रेप्लिका’ तैयार की गई थी, अकेले मोदी की ब्रांडिंग पर 3 से 4 हजार करोड़ रूपयों का बजट रखा गया था।
मोदी के पूरे प्रचार अभियान का सारा जिम्मा तीन विज्ञापन कंपनियों पीयूष पांडे की ‘ओएंडएम’, प्रसून जोशी के ‘मेक्कन वल्र्ड ग्रुप’ और सैम बलसारा के ‘मेडिसन वल्र्ड’ ने संभाली थी। इनको मोदी और भाजपा के साथ लाने में भाजपा के राष्टीय कोषाध्यक्ष पीयूष गोयल की एक महती भूमिका थी। पीयूष पांडे पहले भी मोदी के लिए ‘खुशबू गुजरात की’ एक सफल कैंपेन चला चुके थे। सो, जब पूरे कैंपेन की टैगलाइन ‘अबकी बार मोदी सरकार’ पीयूष पांडे लेकर आए, प्रसून जोशी ने एक अलग टैगलाइन गढ़ी थी-‘देश की पुकार, मोदी सरकार।’ मोदी के इस पूरे प्रचार अभियान में स्पाइस जेट के अजय सिंह की भी एक महती भूमिका थी। पीयूष गोयल व अजय सिंह समेत प्रचार अभियान के ज्यादातर सदस्यों को प्रसून जोशी की टैगलाइन अच्छी लग रही थी, पर पीयूष पांडे अपनी बात पर अड़े रहे तो अंतिम निर्णय के लिए यह मामला मोदी दरबार में पहुंचा और मोदी ने ‘अबकी बार मोदी सरकार’ की टैगलाइन को अप्रूव किया। उसी प्रकार ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ का फलसफा टीम मोदी के नीलेश जैन और अनुराग ने गढ़ा था। मोदी के पूरे वाराणसी के प्रचार अभियान को लखनउ में बैठकर मनोज लडवा ने संचालित किया था। सो, मोदी सरकार के नए चेहरे को गढ़ने की तैयारी में टीम मोदी अभी से जुट गई है।