अजीत व शाह की मुलाकात में, सियासत हर बात में

April 26 2016


अपने उम्र की निर्णायक सियासी पारी खेल रहे देश के एक प्रमुख जाट नेता अजीत सिंह और नीतीश कुमार के बीच जब बातचीत की डोर यकबयक टूट गई, तो थोड़े परेशान और चिंतित अजीत को उनके एक जाट उद्योगपति मित्र देर रात भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलवाने ले गए। बातचीत अच्छे माहौल में हुई और तकरीबन डेढ़ घंटे तक चली। सूत्र बताते हैं कि सियासत के खेल में माहिर शाह ने अजीत का मन टटोला तो अजीत के दिल की बात जुबां पर आ गई। वे यूपी से भगवा टिकट पर राज्यसभा व केंद्र में मंत्रिपद चाहते थे। और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए 45 सीट चाहते थे। अमित शाह ने दो टूक कहा कि उन्हें हर शर्ते मंजूर है, बेशर्ते अजीत अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दे। अजीत इसके लिए तैयार नहीं हुए, उनका शाह से आग्रह था कि भाजपा पहले उन्हें यूपी से राज्यसभा दे दें तो 25 सीटों पर भी बात बन सकती है। अजीत एनडीए का हिस्सा बनने को तैयार थे, उनकी राय में अगर वे अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर देंगे, तो इससे न तो अजीत को ही लाभ मिलेगा और न ही भाजपा को। फिर तय हुआ कि निर्णायक बातचीत के लिए अगले तीन दिनों में अजीत अपने पुत्र जयंत चौधरी के साथ शाह से मिलेंगे।

 
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