अपने सीएम भाई से नाराज़ प्रतीक

March 06 2017


लखनऊ में जिस रोज मतदान होना था उससे ठीक दो रोज पूर्व, मुलायम के दूसरे बेटे प्रतीक यादव ने अपने मुख्यमंत्री भाई अखिलेश को सुबह-सुबह फोन किया और उनसे मिलने का समय मांगा। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश ने यह कहते हुए प्रतीक को टरका दिया कि वे अभी एक जरूरी मीटिंग में हैं, शाम को फोन कर लेना। कहते हैं इसके बाद प्रतीक ने दोपहर को एक-दो दफे अपने भाई को फोन लगाया पर भाई ने फोन नहीं उठाया। तो शाम को वे सीधे अखिलेश के घर जा धमके, उस वक्त सचमुच एक जरूरी मीटिंग चल रही थी, प्रतीक ने बिना लाग लपेट सीधे शब्दों में कहा-’मुख्यमंत्री जी आपके पास क्या अपने भाई के लिए पांच मिनट का समय हैं?’ अखिलेश ने प्रतीक को मीटिंग में अपने साथ बिठा लिया। बैठक खत्म हुई तो प्रतीक ने अखिलेश को 40 लोगों की एक लिस्ट सौंपी जो सपा के छोटे-बड़े नेता थे, प्रतीक ने कहा-’ये लोग लखनऊ कैंट में अपर्णा (प्रतीक की पत्नी) को हराने में लगे हैं, सो अच्छा होगा आप इन्हें एक बार बुला कर बोल दें।’ अखिलेश ने कहा कि ये सभासद स्तर के नेता हैं, भला मैं इनसे क्या बात करूं? तो प्रतीक ने कहा कि फिर आपका ऑफिस ही इनसे बात कर ले।‘ अखिलेश ने हामी भरी, जब प्रतीक जाने लगे तो अखिलेश ने उनसे किंचित तल्खी से कहा- ’भाई, तुम्हें यही समय मिला था लंबोरजिनी (एक महंगी कार) खरीदने का, देखो, मेरी कितनी किरकिरी हो रही है।’ प्रतीक अपमान का घूंट पीकर रह गए, कुछ नहीं बोले, चुपचाप चले गए। इसके बाद ना तो अखिलेश और ना ही उनके दफ्तर से इन 40 में से किसी नेता को फोन गया, इन सबने संदेश पढ़ लिया कि अर्पणा को हराना है। रात में प्रतीक मुलायम के पास पहुंचे और उन्हें यह सारा माजरा सुनाया, मुलायम ने उसी वक्त अखिलेश को फोन लगाया पर अखिलेश ने फोन नहीं उठाया, अखिलेश के मन में क्या है यह अब प्रतीक समझ चुके थे।

 
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