पासवान की चिंता

September 06 2015


पिछले दिनों केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भाजपा हाईकमान से अपनी नाराज़गी षेयर करने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से उनके पटना स्थित आवास पर मिले। दोनों नेताओं के बीच बिहार चुनाव को लेकर एक लंबी बातचीत हुई। पासवान का कहना था कि बिहार में यादव 14 नहीं बल्कि 16 फीसदी हैं, जो फिलहाल पूरी तरह से लालू के साथ दिख रहा है। पासवान की असली चिंता 30 फीसदी अगड़े वोटरों को लेकर थी, पासवान का मानना था कि इन अगड़े वोटरों के टर्नआउट का प्रतिशत बहुत कम है, चूंकि इसमें से अधिकांश लोग बिहार छोड़ कर बडे़ महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और विदेश में बस चुके हैं और ये शायद ही वोट कास्ट करने के लिए वापिस बिहार आते होंगे। रही बात मांझी जाति के वोटरों की तो मांझी जाति के 50 फीसदी से ज्यादा लोग प्रदेश के ही अलग-अलग जगहों के ईंट के भट्टों पर काम करते हैं, और मतदान दिन छुट्टी लेकर घर आना अधिकांश के लिए मुमकिन नहीं होता है, यही वजह है कि इनकी पोलिंग औसत बेहद कम है, चुनांचे फिलवक्त तो पासवान और कुशवाहा की असली चिंता एनडीए के कोर वोटरों को मतदान केंद्रों तक जाने की है।

 
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