सुजाता का जाना |
February 04 2015 |
भले ही सियासी रंग मंच पर तत्कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह की अकस्मात रूखसती कईयों को हैरान करने वाली हो, पर इसकी पटकथा तो काफी पहले लिखी जा चुकी थी, मोदी और सुजाता सिंह के संबंधों में वैसे भी प्रगाढ़ता की कोई डोर नहीं जुड़ी थी, क्योंकि सुजाता सिंह की पाक नीति को लेकर मोदी इत्तफाक नहीं रखते थे। मोदी के विदेश नीति के एजेंडे में अमरीका, चीन व जापान को लेकर कुछ खास रणनीतियां समाहित थीं। पिछले वर्ष सितंबर में जब मोदी अपनी अमरीका यात्रा पर गए तो वहां के भारतीय राजदूत एस.जयशंकर की सूझ बूझ के वे कायल हो गए, कहते हैं जयशंकर की सलाह मानते हुए मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘एशियन सेंचुरी’ जैसे जुमलों का इस्तेमाल न्यूयॉर्क के अपने बहुचर्चित ‘मेडीसन स्वॉयर’ के उद्बोधन में नहीं किया। सुजाता सिंह से अलहदा जयशंकर का स्पष्ट तौर पर मानना था कि इन जुमलों का अमरीका में सकारात्मक संदेश नहीं जाएगा, मोदी ने जयशंकर की सलाहों पर अमल किया और दोनों के बीच एक नए रिश्ते की शुरूआत हुई। |
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