जाना मुकेश अंबानी का अमेरिका और आना भारत में भूचाल

February 14 2023


‘दो कदम आगे बढ़कर बेतरह थक गई है रोशनी,
नादां दीयों ने जब से पागल हवाओं से रार ठान ली है’
कई बड़ी घटनाएं सुंदर इत्तफाकों की महज़ बॉयोप्रोडक्ट होती हैं। कोई महीने भर पहले की मुकेश अंबानी की अमेरिका यात्रा को भी आप इसी श्रेणी में रख सकते हैं। बेहद भरोसेमंद सूत्रों के दावों पर यकीन किया जाए तो अंबानी की कंपनी रिलायंस ने पिछले दिनों अमेरिका की एक बड़ी पीआर कंपनी की सेवाएं ली हैं। कारण बताया गया कि रिलायंस समूह को अमेरिका में अपना विस्तार कराना है। पिछले महीने मुकेश अंबानी जब वाशिंगटन डीसी पहुंचे तो उनके सम्मान में वहां के एक सीनेटर ने ‘ब्रेकफास्ट’ रखा, जिसमें कुल 8 अन्य सीनेटर भी शामिल हुए। कहा जाता है कि इन अमेरिकी सीनेटर गण ने अंबानी को अपने संबंधित राज्यों में आने का न्यौता दिया, यह कहते हुए कि ‘अंबानी वहां आएं और उनके राज्यों में नए रोजगारों का सृजन करें।’ कहते हैं इसके जवाब में मुकेश ने कहा-’रिलायंस इज़ ऑल्वेज योर फ्रेंड’। फिर रात में अमेरिकी कांग्रेस मैन की ओर से एक डिनर रखा गया जिसमें 30 से ज्यादा सीनेटर शामिल हुए। इसी कड़ी में ‘इंडियन अमेरिकन कॉकस’ यानी ‘समोसा कॉकस’ ने आने वाली गर्मियों में अपने एक बड़े कार्यक्रम में मुकेश अंबानी को बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया है। सनद रहे कि इंडियन अमेरिकन के इस समोसा कॉकस की अमेरिकी राजनीति में बेहद पूछ है, इस कॉकस को गठित करने वालों में देश की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस, सीनेटर राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, डॉक्टर एमी बेरा और प्रमिला जयराम जैसे नामचीन इंडियन अमेरिकन शामिल हैं। क्या इसे भी महज़ एक इत्तफाक मान जाए कि अंबानी की इस अमेरिका यात्रा के महीने भर बाद ही अमेरिका स्थित ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की अनुसंधानकारी रिपोर्ट आ जाती है और अडानी समूह को महज़ दो दिनों के अंदर 4.17 लाख करोड़ रुपयों का झटका लग जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ अडानी की ‘ग्रीन एनर्जी’ में अरबों का निवेश करने वाले दो बड़े वेल्थ मैनेजर ‘ब्लैक रॉक’ और ‘ब्लैक स्टोन’ कहते हैं वे अडानी की ग्रीन एनर्जी में अपने निवेश का रिव्यू करेंगे। आप सिर्फ कड़ियों को जोड़ें और भारतीय औद्योगिक समूहों की प्रतिस्पद्र्धा के नए चेहरे उजागर हो जाएंगे।

 
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