कांग्रेस नई, दस्तूर पुराना |
October 15 2017 |
राहुल गांधी एक नए अवतार में समाने आए हैं, अपनी दादी के 100वें जन्मदिन (19नवंबर) के मौके पर कांग्रेस की बागडोर पूरी तरह संभालने को वे कृतसंकल्प दिख रहे हैं, इसके साथ ही वे कांग्रेस का चेहरा मोहरा बदलने को भी उत्सुक जान पड़ते हैं। पार्टी से जमीनी कार्यकर्त्ताओं को जोड़ने की मुहिम का आगाज़ करते हुए और आसन्न विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए राहुल ने अपनी पहल से एआईसीसी में एक चुनाव प्राधिकरण का गठन किया है, इस प्राधिकरण का सिरमौर किसी मुल्लापुली रामचंद्र को बनाया गया है। लंबे अरसे से ठंडे बस्ते के सुपुर्द कर दिए गए मधुसूदन मिस्त्री भी इस बार जाग गए हैं और बतौर मेंबर उन्होंने इस प्राधिकरण में एंट्री मार ली है। सो, यहां भी उनका पुराना रवैया चालू हो गया है। यहां तक कि पीसीसी डेलिगेट्स के लिए भी पूजा-अर्चना स्वीकार की जा रही है, ऐसा सूत्रों का दावा है। मोतीलाल वोरा इस बात की शिकायत पहले ही राहुल से कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक वोरा जी को सबसे ज्यादा शिकायतें महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से मिल रही है। अब राहुल अगर कांग्रेस की पुरानी परिपाटियों पर लगाम नहीं लगा पाएंगे तो कांग्रेस का चेहरा-मोहरा क्या खाक बदल पाएंगे। |
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