चाचा पवार पर भतीजे का वार

May 28 2023


एनसीपी मुखिया शरद पवार अपनी सांसद पुत्री सुप्रिया सूले को अपना राजनैतिक वारिस घोषित करना चाहते हैं, अपने स्वास्थ्यगत कारणों की वजह से। पवार ने शायद इसीलिए अपने राकांपा चीफ पद से हालिया दिनों में त्याग पत्र दे दिया था, वे चाहते थे कि ’वे राकांपा मुखिया की कुर्सी अपनी बेटी को सौंप कर खुद मार्गदर्शक के अवतार में आ जाएं।’ उन्होंने अपने भतीजे अजित पवार को बुला कर यह समझाना चाहा कि अजित अपना फोकस महाराष्ट्र की राजनीति में रखें और सुप्रिया राष्ट्रीय स्तर पर एनसीपी के विस्तार की पटकथा लिखें, पर अजित नहीं माने। उल्टे उन्होंने धमकी दे डाली कि ’अगर सुप्रिया को राकांपा अध्यक्ष घोषित किया गया तो वे पार्टी के ज्यादातर विधायकों को साथ लेकर भाजपा में शामिल हो जाएंगे।’ यही वजह है कि बीच-बचाव की मुद्रा अख्तियार करने के लिए पवार को अपना इस्तीफा वापिस लेना पड़ा। वहीं सुप्रीम कोर्ट के महाराष्ट्र के शिंदे सरकार पर हालिया फैसले से भाजपा को भी अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है। नहीं तो कहीं अगर सर्वोच्च न्यायालय शिंदे सरकार को असंवैधानिक करार देता तो भाजपा को भी शिंदे से पीछा छुड़ाने का एक नायाब मौका हाथ लग जाता। भाजपा जानती है कि वह शिंदे को अपने कंधे पर बिठा कर महाराष्ट्र नहीं जीत सकती, सो अंदरखाने से पार्टी रणनीतिकारों ने अपने तार एनसीपी के असंतुष्ट नेता अजित पवार से जोड़ रखे थे, अजित पवार भी देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली नई भाजपा सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने को तैयार थे, पर अदालत के हालिया फैसले से दोनों पार्टियों के इरादों पर पानी फिर गया।

 
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