बिना काम हैं मोदी के राज्यमंत्री |
September 20 2015 |
केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों को पीएमओ की बेहद साफ-साफ हिदायत है कि वे अपने अधीनस्थ राज्यमंत्रियों के कार्यों का समुचित बंटवारा करें, उन्हें भी फाइलें भिजवाएं, काम करने दें। पर इक्के-दुक्के कैबिनेट मंत्रियों की बात छोड़ दें तो मोदी सरकार के ज्यादातर राज्यमंत्री बस लाल बत्ती मंत्री हैं, उनके पास ज्यादा कुछ करने-धरने के लिए नहीं। एक दबंग महिला मंत्री से तो उनके राज्यमंत्री पानी मांग रहे हैं, इन दोनों राज्य मंत्रियों ने अपने दुख-दर्द को बयां करने के लिए प्रधानमंत्री को एक मार्मिक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में उन्होंने विस्तार से अपने साथ हो रही दुष्वारियों की चर्चा की है। सूत्र बताते हैं कि मंत्रियों ने पीएम को लिखा है कि उनके लिए मंत्रालय में उनके कमरे से लगा कोई टाॅयलेट भी नहीं है। उन्हें भी गलियारा पार कर उसी टाॅयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसे उनके आॅफिस के कर्मचारी इस्तेमाल करते हैं। एक राज्यमंत्री ने लिखा कि एक फाइल के सिलसिले में उन्होंने मत्रालय के जेएस को कमरे में तलब कर लिया, महज इस बात पर सीनियर मंत्री ने उन्हें काफी भला-बुरा कहा। चुनांचे जब पीएम मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा कर रहे थे और जब इस मंत्रालय का नंबर आया तो मोदी ने यूं अचानक ऐलान कर दिया कि इस मंत्रालय की रिपोर्ट कार्ड मंत्रालय के राज्यमंत्री पेश करेंगे। सूत्र बताते हैं कि इन केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में उनके राज्यमंत्री ने हाथ जोड़ कर कहा, ‘सर, हम एक चपरासी तक तो बहाल नहीं कर सकते, मंत्रालय के कामकाज का क्या बखान करेंगे?’ इस कृत से पीएम ने सीनियर मंत्री तक अपना मैसेज पहुंचा दिया। |
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