थरूर की तारीफ में मोदी |
August 02 2015 |
मानूसन सत्र का यह हश्र देख कर भाजपा और इसके पुरोधा नरेंद्र मोदी अपनी रणनीतियों बदलने को मजबूर हुए हैं। मोदी की अगुवाई में सरकार के फ्लोर मैनेजरों की यह रणनीति बनी कि उन्हें कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मधुर ताल्लुकात रखने हैं। आॅक्सफोर्ड यूनियन में षषि थरूर के धुआंधार भाशण से खुद मोदी प्रभावित थे और उन्होंने तय किया था कि वे सदन में खड़े होकर थरूर की तारीफ करेंगे और इस पर लोकसभा में मौजूद तमाम भाजपा के सांसदगण मेजे थपथपाकर उनकी बातों का अनुमोदन करेंगे, पर जब मोदी को ये बातें सदन में रखने का मौका नहीं मिल पाया तो पार्लियामेंट एलेक्सी में आहूत स्पीकर की एक मीटिंग में मोदी ने थरूर की तारीफ में कसीदे पढ़ दिए। बात दूर तक गई। जब कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक में थरूर ने कहा कि ’हमें सदन चलने देना चाहिए’ तो कथित तौर पर उन्हें सोनिया और राहुल ने समवेत स्वरों में डपट दिया। पर गैर कांग्रेसी मंचों पर अब भी थरूर नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधने से नहीं चूक रहे। |
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