मोदी-अंबानी रिश्ता |
November 02 2014 |
नरेंद्र मोदी को करीब से जानने वाले लोगों को बखूबी मालूम है कि उनकी जिंदगी कैसे अलग-अलग कंपार्टमेंट में बंटी है और कहीं न कहीं उन्हें ऐसे कंपार्टमेंट में जीना भी पसंद है। सो, मोदी के लिए हर रिश्ता, हर व्यक्ति खास तरह से चिह्नित होता है। सो, भले ही केजी बेसन में गैस के बढ़े दामों पर वे मुकेश अंबानी या कांग्रेस से सहमति नहीं रखते हों, पर अंबानी परिवार से अपने निजी रिश्तों को सार्वजनिक करने से गुरो भी नहीं करते। प्रधानमंत्री मोदी जब रिलायंस फाउंडेशन के अस्पताल के उद्धाटन के मौके पर मुंबई पहुंचे तो इस कार्यक्रम में कोई ढाई घंटे तक बने रहे। अंबानी दरबार में पहली दफा कांग्रेसी नेताओं की उपस्थिति इतनी कम दिखी, ले देकर मुरली देवड़ा और राजीव शुक्ला ही सपत्नीक नजर आए। नहीं तो बीजेपी नेताओं का अच्छा खासा मजमा जुटा। पीयूष गोयल सपत्नीक दिखे, तो देवेंद्र फड़नवीस, विनोद तावड़े भी वहां मौजूद थे। बड़े उद्योगपतियों में आनंद महिंद्रा, सुभाष चंद्र, अजय पिरामल। तो वहीं पत्रकारों की जमात का एकमात्र प्रतिनिधित्व ‘टाइम्स नाऊ’ के अर्णब गोस्वामी कर रहे थे, जिन्हें एक कोने में हिंदुजा और रिलायंस फाऊंडेशन के सलाहकार अंशुमान मिश्र के साथ बतियाते देखा जा सकता था। |
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