जेतली की खूब चली |
June 01 2014 |
मोदी मंत्रिमंडल को मौजूदा स्वरूप प्रदान करने में अरुण जेतली की सबसे अहम भूमिका रही, स्मृति ईरानी, धमर्ेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल सरीखे युवा नेताओं को अहम मंत्रालय दिलवाने के पीछे जेतली के अपने तर्क थे, अपनी सोच थी, वहीं मेनका गांधी, अनंत कुमार, उमा भारती, रामविलास पासवान, नितिन गडकरी सरीखे नेताओं को सस्ते में निपटा दिया गया। पहले तय था कि अमरीकी मॉडल की तर्ज पर रेल, नागरिक उड्डयन, पथ परिवहन, शिपिंग जैसे मंत्रालयों को मिला कर एक नए मंत्रालय का गठन किया जाएगा और यह मंत्रालय गडकरी को सौंपा जाएगा। पर जेतली का कहीं न कहीं यह स्पष्ट तौर पर मानना था कि भारत जैसे बहुविध देश में यह प्रणाली परवान नहीं चढ़ पाएगी और यही बात जेतली कहीं न कहीं संघ के प्रमुख नेताओं को समझाने में भी कामयाब रहे, सो गडकरी को भूतल परिवहन व शिपिंग से ही संतोष करना पड़ा। |
Feedback |