रंजीता की नज़र में इंदिरा तानाशाह |
November 28 2017 |
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सौवीं जयंती को कांग्रेस ने बड़े धूमधाम से पूरे देश में मनाया। पर बिहार कांग्रेस की महिमा देखिए कि इस जन्मशती समारोह को नियत 19 नवंबर के बजाए 22 नवंबर को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल में मनाया गया जिसमें भी बस गिनती के ही लोग पहुंचे। कार्यक्रम में कांग्रेसियों की इतनी कम उपस्थिति देखकर बिहार के कांग्रेस प्रभारी के एल शर्मा का मूड बिगड़ गया, वे जल्दी-जल्दी में अपना भाषण खत्म कर वहां से निकल गए। उनके निकलने के बाद कांग्रेस की सांसद रंजीता रंजन ने माइक संभाला, फिर रंजीता रंजन जोश-जोश में वह सब कह गईं जिसकी उनसे अपेक्षा न थी, भाषण देते हुए संसद महोदया अपनी रौ में बह गईं और इंदिरा गांधी को ही तानाशाह बता गईं, साथ ही अपनी बातों में उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि नरेंद्र मोदी की प्रवृत्ति भी इनकी जैसी है यानी वे भी तानाशाही सोच के व्यक्ति हैं। सांसद महोदया के उद्गार सुनकर पहले तो सभागृह में मौजूद हर कांग्रेसी सकते में रह गया, फिर इनकी हूटिंग शुरू हो गई। इसी शोर शराबे के बीच अखिलेश सिंह बोलने को खड़े हुए, जो कभी लालू के बेहद करीबियों में शुमार होते थे और लालू की कृपा से केंद्र में मंत्री भी बन बैठे थे। आज अखिलेश सिंह कांग्रेस में है। लिहाजा जब वे बोलने को खड़े हुए थे तो हॉल में इतना शोर था कि कोई कुछ सुन नहीं पा रहा था, तो उन्होंने उपस्थित जनों से निवेदन किया-’देखिए, मैं अपना भाषण याद करके आया हूं और अगर यह हल्ला-गुल्ला बंद नहीं हुआ तो मैं अपना भाषण ही भूल जाऊंगा…।’ इंदिरा गांधी को याद करने की इन कांग्रेसी अदाओं के भी क्या कहने। |
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