काएदा-कानून |
May 09 2015 |
जब केंद्र में मोदी युग का आगाज हुआ तो मोदी के रणनीतिकारों ने एक अहम फैसला लिया कि यूपीए शासनकाल में जो नौकरशाह अहम पदों पर रहे हैं, मंत्रालयों में सचिव या मंत्रियों के पीएस रहे हैं, उन्हें अन्यत्र यानी कम महत्त्व के पदों पर भेजा जाएगा। पर कुछ नौकरशाहों ने मोदी सरकार से भी अपने तार भिड़ा लिए, जैसे 89 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस राकेश कुमार सिंह की ही मिसाल ले लें, अभी इनके पास बतौर जे एस-यूटी का प्रभार है। सिंह इससे पहले आंतरिक सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण पद पर थे। जबकि सिंह यूपीए शासनकाल में वीरप्पा मोइली व मुनियप्पा जैसे महत्त्वपूर्ण मंत्रियों के पीएस रह चुके थे। सनद रहे कि मोदी सरकार ने आईएएस चहल को इसीलिए बाहर का रास्ता दिखा दिया था चूंकि वे सुशील कुमार शिंदे के ओएसडी रहे थे। |
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