सोरेन सरकार कब तक? |
July 12 2022 |
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और सोरेन के दर्जन भर करीबी लोगों और व्यापारियों पर लगातार ईडी के छापे पड़ रहे हैं, पैसा जब्ती हो रहा है, महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लग रहे हैं ऐसे में बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी। सूत्रों की मानें तो सोरेन सरकार को 15 अगस्त तक अभयदान मिला हुआ है। हेमंत करीबियों पर ईडी-सीबीआई के लगातार छापों के अलावा हेमंत पर भी चुनाव आयोग की तलवार लटक रही है, यह सीएम रहते पब्लिक ऑफिस के दुरूपयोग का मामला है। हेमंत पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते अपने नाम से कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई और इस कंपनी को सरकारी ठेके और पट्टे आबंटित कर दिए गए। यह सरकारी पद के दुरूपयोग का मामला बनता है। अब तक चुनाव आयोग के सम्मन का जवाब सोरेन के वकीलों ने दिया है, पर अब चुनाव आयोग सोरेन की व्यक्तिगत पेशी चाहता है। इस बाबत अब तक सोरेन को चुनाव आयोग द्वारा दो-तीन सम्मन भेजा जा चुका है, पर अपनी व्यस्तताओं का बहाना बना सोरेन अबतलक इससे बचते रहे हैं। पर चुनाव आयोग चाहता है कि सीएम स्वयं आएं और अपना पक्ष रखें। ये भी अभी तक भाजपा अपने लाख प्रयासों के बावजूद सोरेन सरकार गिरा नहीं पाई है और न ही वह कांग्रेस के 17 में से 11 विधायक तोड़ने में सफल हो पाई है। झामुमो के विधायक भी टूट नहीं रहे हैं। पर अगर खुदा न खास्ते हेमंत चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य करार दिए जाते हैं तो फिर वे अपनी गद्दी किसे सौंपेंगे? क्या वे राज्यपाल से विधानसभा भंग करने और नए चुनाव कराने की सिफारिश कर सकते हैं? |
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