संघ के ’प्लॉन यूपी’ की कमान दत्तात्रेय के पास |
July 09 2021 |
यूपी में योगी और भाजपा को ताकत देने के लिए इस दफे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 22 के चुनावी समर में अपना सब कुछ न्यौछावर करने का इरादा रखता है। इस बाबत संघ के नंबर दो और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबोले ने एक बार फिर से अपना केंद्र लखनऊ बनाने का फैसला लिया है। होसाबोले 2017 के पूर्ववर्ती यूपी चुनाव में भी अपना केंद्र लखनऊ रख चुके हैं पर तब वे सरकार्यवाह नहीं थे, मुख्यमंत्री योगी को संगठन महामंत्री सुनील बंसल से काफी शिकायतें हैं और वे पीएम से अपनी मीटिंग में भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं। संघ का शीर्ष नेतृत्व बंसल और योगी की इस रस्साकसी को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालना चाहता है। संघ ने बंसल के विकल्प के तौर दो नामों पर विचार भी किया पर बात किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई। इनमें से एक नाम संघ के माहिर प्रचारक नागेंद्र नाथ त्रिपाठी का था जो फिलहाल बिहार में काम कर रहे हैं, त्रिपाठी यूपी के बस्ती के रहने वाले हैं और नई प्रचार विधाओं पर उनकी अद्भुत पकड़ है, वे सोशल और डिजिटल मीडिया के एक्सपर्ट माने जाते हैं, भारतीय जनता युवा मोर्चा को ट्रेनिंग देने का जिम्मा भी वही संभालते हैं। उन पर आरोप है कि वे संघ के सबसे अमीर प्रचारक हैं, कालांतर में उनके आचरण को लेकर भी मीडिया में कुछ सुगबुगाहट थी, संघ का शीर्ष नेतृत्व इस बात को नज़रअंदाज नहीं करना चाहता। बंसल के रिप्लेसमेंट के लिए एक और संघ प्रचारक रत्नाकर का नाम भी चला। पर सूत्र खुलासा करते हैं कि पिछले दिनों होसाबोले ने लंबे समय तक यूपी में काम कर चुके राकेश जैन से भी बात की है, जो फिलहाल संघ के आनुषांगिक संगठन ‘सेवा भारती’ से जुड़े हैं, कालांतर में यूपी में कमल खिलाने में जैन की एक महती भूमिका रही है, सो इन्हें यूपी बुला कर चुनाव के काम में लगाया जा सकता है, वैसे भी असंतुष्टों को मनाने में इन्हें महारथ हासिल है,उनकी इस कला का भी लाभ लिया जा सकता है। कहते हैं कि पीएम योगी ने अपने नंबर दो अमित शाह को तलब कर यूपी की सीधी जिम्मेदारी सौंप दी है। सो, यूपी के 2017 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर शाह यूपी के हर जिले में मीटिंग लेंगे और जिले के डीएम के साथ सीधा संवाद रखेंगे। इसके अलावा संघ अपने अलग-अलग प्रचारकों को एक-एक जिले की जिम्मेदारी सौंप रहा है। भाजपा की इस चाक-चौबंद व्यवस्था में सेंध तो बस एक नाराज़ मतदाता ही लगा सकता है। |
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