भगवा होते कैमरे

August 06 2022


संसद परिसर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय नेत्री स्मृति इरानी की तीखी नोक-झोंक इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। पर इसके साथ एक बड़ा सवाल यह भी है कि एक नामी एजेंसी की फोटो पत्रकार को सोनिया गांधी से बातचीत रिकार्ड करने या फोटो खींचने की इजाजत कैसे मिल गई, जबकि संसद के अंदर फोटो खींचना या कमेंट लेना पत्रकारों के लिए निषिद्द है। सोनिया गांधी की भी सुरक्षा बेहद चाक-चौबंद है, संसद में पीएम जिस गेट से आते हैं, सोनिया उनके पीछे वाले गेट से यानी गुरुद्वारा रकाबगंज वाले गेट का इस्तेमाल करती हैं। कमाल की बात देखिए आज जो एजेंसी सत्ता की सबसे बड़ी चेरी में शुमार हैं और जिस एजेंसी की महिला पत्रकार ने सोनिया का कमेंट लिया, यह वही एजेंसी है जिसे बनवाने में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक महती भूमिका थी। राजीव ने पीएम रहते यह महसूस किया कि ’समुचित कवरेज के लिए केवल दूरदर्शन या आकाशवाणी की बाट जोहना ठीक नहीं, क्यों नहीं एक स्वतंत्र वीडियो व फोटो एजेंसी को अस्तित्व में आना चाहिए,’ तब राजीव गांधी ने ही अपने पीआईओ प्रेम प्रकाश और राजमोहन राव को ऐसी किसी एजेंसी को शुरू करवाने के निर्देश दिए थे, तब इस नई एजेंसी का जन्म हुआ, जो आज कहीं गहरे भगवा रंग में रंगी है।

 
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