पार्टी के हिंदुत्ववादी नेताओं के निशाने पर बोम्मई

August 28 2021


कर्नाटक के ताजातरीन मुख्यमंत्री बी बोम्मई से उनकी पार्टी के नेताओं का ही एक बड़ा वर्ग नाराज़ चल रहा है। ये नेता भाजपा के हिंदुत्ववादी विचारधारा के गांडीव वाहक हैं, सनद रहे कि ये वही बोम्मई हैं जो भाजपा में 2008 में आने से पहले धुर समाजवादी थे, उनका समाजवाद 2008 से पहले इस कदर हिलौरे मारता था कि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में शामिल होने से भी तब साफ मना कर दिया था, क्योंकि वे राम मंदिर और धारा 370 जैसे मुद्दों पर भाजपा की राय से इत्तफाक नहीं रखते थे। जनता दल में टूट के बाद वे दो सदस्यों के साथ भी जदयू में बने रहे। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एस आर बोम्मई के पुत्र बी बोम्मई ने भले ही 13 साल पहले भाजपा ज्वॉइन कर ली हो, पर अपनी ढपली अपना राग की तान वे हमेशा से अलापते रहे हैं। अभी उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही एक ताबड़तोड़ फैसला लिया है, वह भी इतना बड़ा फैसला कैबिनेट की एक सदस्यीय कमेटी में, बोम्मई के इस फैसले में राज्य के गरीब किसानों के बच्चों को एक हजार करोड़ रूपए की सरकारी स्कॉलरशिप दिए जाने का ऐलान हुआ है। जबकि राज्य के ज्यादातर हिंदुवादी नेता चाहते थे कि लिंगायत समुदाय के लिए किसी बड़े सहायता पैकेज का ऐलान हो, पर होइए वही जो बोम्मई रचि राखा।

 
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