छत्तीसगढ़ व राजस्थान में भी क्या दुहराया जाएगा पंजाब?

October 03 2021


’तेरी तोहमतों का कुछ इस कदर असर हुआ है
तन्हा था सफर में जिधर चला वह शहर हुआ है’

पंजाब में डंके की चोट पर बाहुबली कैप्टन को बाहर का दरवाजा दिखाने वाले राहुल गांधी सियासत के एक माहिर खिलाड़ी में शुमार हुए हैं, उन्हें नजदीक से जानने वाले बताते हैं कि इस नए अवतार में राहुल की रणनीति न सिर्फ सियासी नेपथ्य की आहटों से दो-दो हाथ करने की है, बल्कि आने वाले दिनों में उनकी मंशा कुछ बड़े फैसले लेने की है। मसलन अबतलक अपनी पार्टी में अपराजेय समझे जाने वाले भूपेश बघेल और अशोक गहलोत का हश्र भी कैप्टन का होने वाला है। राहुल और उनके खास भरोसेमंदों को बस इस बात का इंतजार है कि पंजाब का उफान शांत हो तो जयपुर और रायपुर की तारीखों के भी रंग रौगन किए जा सके। राहुल से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र खुलासा करते हैं कि आरजी ने इस बात को दिल पर ले लिया है कि अपना इस्तीफा कांग्रेस हाईकमान को सौंपने से पहले कैप्टन ने जिन तीन प्रमुख कांग्रेसी नेताओं से बात की थी, वे हैं अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और कमलनाथ। राहुल को इस बात का बखूबी इल्म है कि कैसे महज़ कमलनाथ की हठधर्मिता की वजह से कांग्रेस को मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य से हाथ धोना पड़ गया। अभी पिछले दिनों राहुल ने सचिन पायलट से मिल कर उन्हें राजस्थान चलाने को तैयार रहने को कहा है, संभवतः अशोक गहलोत को बता दिया गया है कि उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संगठन में कोई महती जिम्मेदारी मिल सकती है। पिछले दिनों दिल्ली आकर बघेल ने अपने समर्थक विधायकों की परेड राहुल के समक्ष करवा दी थी और अपनी गद्दी बचाने में कामयाब रहे थे, पर राहुल को बघेल का यह बिंदासपन किंचित रास नहीं आया। जब बघेल की एक करीबी ओएसडी को पैसे लेते रंगे हाथों पकड़ा गया तो राहुल ने अपने इरादे और मजबूत कर लिए। बघेल को लेकर राहुल के पास लगातार यह शिकायत पहुंच रही है कि बतौर मुख्यमंत्री वे मनमाना निर्णय लेते हैं, उनके ज्यादातर निर्णय में न तो उनके कैबिनेट सहयोगियों की और न ही उनके वरिष्ठ पार्टीजनों की हामी शामिल होती है। राहुल को अब कांग्रेस में अपनी इस हुंकार को मूर्त रूप देना है कि ’आई एम द् बॉस’ सो अगर पार्टी के बड़े क्षत्रपों को पैदल किया जाएगा तो सेनापति का नैतिक बल और मजबूत होगा। इसीलिए रायपुर के सियासी गलियारों में सुगबुगाहटें सिर उठा रही है कि ’बाबा आ रहे हैं!’ बाबा यानी केपीएस सिंहदेव, बघेल के सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी।

 
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