’चीख कर तब मेरा भी नाम लिया था दिल से निकली तेरी हर आह ने
तख्तो-ताज़ की चाह में मैं भी शामिल था तेरे हर गुनाह में’
सियासत भी क्या खूब नए चेहरे ओढ़ती है, कभी इन्हीं बसपा सुप्रीमो मायावती के एक वोट से केंद्र की अटल बिहारी सरकार गिर गई थी, आज इस नए दौर की नई भाजपा में बहिनजी के लिए संभावनाओं के असीम द्वार खुल गए हैं। सूत्रों की मानें तो मायावती देश की पहली महिला दलित राष्ट्रपति हो सकती हैं। कहा जाता है कि भाजपा शीर्ष बेहद गंभीरता से देश की अगली राष्ट्रपति के तौर पर मायावती के नाम पर विचार कर रहा है, अब सवाल उठता है कि ’बदले में भाजपा को क्या मिलेगा?’ तो सूत्र बताते हैं कि ’ऐसी सूरत में बहिन जी अपनी बहुजन समाज पार्टी का विलय भाजपा में कर सकती हैं।’ वहीं उप राष्ट्रपति पद के लिए यूपी की गवर्नर आनंदी बेन पटेल के नाम पर विचार हो रहा है। यानी देश के दो शीर्ष पदों पर महिलाओं को बिठा कर 2024 के चुनाव के आलोक में भाजपा यह साबित करना चाहती है कि वह कितनी बड़ी महिला हितैषी पार्टी है। यूपी में प्रियंका गांधी के चर्चित नारे का मज़ाक उड़ाते हुए जब यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रियंका को ’लड़की नहीं, आंटी’ कह कर उनका मज़ाक उड़ाया था तो कहते हैं भगवा हाईकमान ने इस बात का संज्ञान लेते हुए मौर्य की क्लास लगा दी और उन्हें डपटते हुए कहा-’आपके नाम में ही केशव है, प्लीज आप औरतों का ऐसे मज़ाक न बनाएं।’ वैसे भी मोदी को दुबारा गद्दी पर बिठाने में युवा और महिला वोटरों की एक निर्णायक भूमिका रही है, भाजपा नेतृत्व इस बात की गंभीरता को बखूबी समझता है।