क्या नीतीश-लालू की डील पक्की है |
July 12 2022 |
बिहार की सियासत में ऊंट किस करवट बैठेगा इसका पता तो विधानसभा के मानसून सत्र में ही चल पाएगा। कहते हैं ओवैसी के 5 में से 4 विधायक राजद में नीतीश की सहमति प्राप्त होने के बाद ही शामिल हुए हैं। अब आरजेडी 80 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, भाजपा के 77 और जदयू के 46 विधायक हैं। यानी आरजेडी के पास जरूरी बहुमत से सिर्फ 7 विधायक कम हैं। नीतीश विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को बदलना चाहते हैं, इनके खिलाफ मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है, सिन्हा को हटा कर नीतीश अपना स्पीकर बनाना चाहते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर लालू-नीतीश की डील पक्की है, पहले लालू नीतीश के लिए 15 सीट छोड़ना चाहते थे पर अब बात 20-20 सीटों पर फाइनल हो गई है, यह भी तय हो गया है कि मुकेश सहनी को नीतीश अपने कोटे से सीट देंगे और जीतन राम मांझी के लिए आरजेडी सीट छोड़ेगी। भाजपा को इस बात की पूरी भनक है, सो ओवैसी के विधायकों ने जैसे ही आरजेडी का दामन थामा, धर्मेंद्र प्रधान वैसे ही पटना पहुंचे और वहां पहुंच कर उन्होंने फिर भी कह दिया कि ‘एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही हैं’ यानी भाजपा भी देख-समझ कर मक्खी निगल रही है। |
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