कौन बनेगा अगला उप राष्ट्रपति |
July 12 2022 |
सियासत जब नेपथ्य की प्रतिध्वनियों से श्रृंगार करती है तो वह कई अप्रत्याषित फैसले लेकर हमें चैंका भी सकती है। पिछले दिनों नुपुर शर्मा मामले को लेकर देश दुनिया में जो भारत का निगेटिव नैरेटिव बना है, उसमें उदयपुर और महाराष्ट्र की घटनाओं ने आग में घी डालने का काम किया है और सुप्रीम कोर्ट ने जिस शिद्दत से नुपुर शर्मा और उसके वकीलों को फटकार लगाई है वह भी लोकतंत्र के एकबाल का ऐलान ही है। सूत्र बताते हैं कि भाजपानीत एनडीए इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहा है कि ’क्यों नहीं देश के अगले उप राष्ट्रपति के तौर पर केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नाम को आगे किया जाए।’ हालिया रामपुर उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी को जिताने का भी कुछ हद तक सेहरा नकवी के सिर बांधा जा रहा है। कहा जा रहा है कि नकवी के प्रयासों से बड़े पैमाने पर मुसलमानों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया, और कई मुस्लिम बहुल्य गांव जैसे लालपुर, बिजड़ा, चमरौआ व दबका आदि में भाजपा की जीत हुई। रामपुर में 55 फीसदी से ज्यादा आबादी अल्पसंख्यक समुदाय की है। अभी पिछले दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भी सपा यहां भाजपा से काफी आगे रही थी, इन चुनावों में यहां भाजपा को 4 लाख तो सपा को लगभग साढ़े पांच लाख वोट मिले थे। पर इस उप चुनाव में यहां भाजपा ने बाजी पलट दी, सपा प्रत्याशी आसिम रज़ा को इस उप चुनाव में मात्र 3.25 लाख वोट मिल सके जबकि भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी को 3.67 लाख वोट मिले। नकवी अब से पहले भाजपा के एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने रामपुर लोकसभा में जीत दर्ज की है। जब पिछले साल देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा था और मुसलमान कोरोना का टीका लगवाने को तैयार नहीं थे, तब नकवी ने रामपुर में ’जान है तो जहान है’ मुहिम चलाई। इसका असर हुआ कि रामपुर की मस्जिदों से ऐलान किया गया कि ’मुसलमान टीका जरूर लगवाएं,’ इसके बाद कोरोना वैक्सीन लेने के लिए अस्पतालों में मुस्लिम समुदाय की भीड़ लग गई। |
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