केजरीवाल को गुस्सा क्यों आता है? |
January 03 2022 |
सियासी स्वांग भरने में इन्हें महारथ हासिल है और जब बात दिल्ली की जनता की चिंताओं से जुड़ी हो तो अरविंद केजरीवाल सियासी नेपथ्य के सन्नाटों को एक नया चेहरा देने की सिद्दहस्ता रखते हैं। बात बुधवार की है, ओमिक्राॅन की दस्तक और कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को निर्मूल बनाने के इरादे से केजरीवाल सीएम आॅफिस में एक अहम बैठक ले रहे थे, इस बैठक में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, स्वास्थ्य सचिव, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और डीटीसी के एमडी शामिल थे। केजरीवाल ने कोरोना की दूसरी लहर के सबक से सबको बावस्ता कराते हुए कहा कि उस वक्त हमें आॅक्सीजन टैंकर की सबसे ज्यादा किल्लत उठानी पड़ी थी, क्योंकि दिल्ली से लगे पड़ोसी राज्यों खास कर हरियाणा ने अपने यहां से आॅक्सीजन टैंकर दिल्ली पहुंचने नहीं दिए, उन्हें अपने राज्यों में ही लगा दिए। तब दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया था कि वह पांच आॅक्सीजन टैंकर अपने पैसों से खरीदेगी। तब केजरीवाल ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से जानना चाहा कि अभी तक यह टैंकर खरीदे क्यों नहीं गए हैं, इस बाबत कमिश्नर ने सीएम को बताया कि इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे, पर अब तक किसी पार्टी को टेंडर अवार्ड नहीं हुआ है, ज्यादा तो मंत्री महोदय बता सकते हैं जो इस टेंडर कमेटी को हेड कर रहे हैं। यह सुनते ही सीएम का पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा, उन्होंने अपने मंत्री को किंचित चेतावनी देने वाले अंदाज में कहा-’आज ही टेंडर अवार्ड होना चाहिए, मैं आपको शाम छह बजे तक का समय देता हूं।’ पर होईए वही जो राम रचि राखा, अगर टेंडर अवार्ड भी हो गया तो टैंकर मिलने तक में दो-तीन महीने का वक्त लग जाएगा, क्या कोरोना की तीसरी लहर इस बात का इंतजार कर सकती है? |
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