आनंद से हैं आनंदीबेन

October 03 2021


यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ में बैठे-बैठे गुजरात की भगवा राजनीति में भूचाल ला दिया है। जो विजय रूपाणी देश के नंबर दो अमित शाह की रिश्तेदारी से प्रफुल्लित भाव में थे कि उनका तो बाल-बांका नहीं होगा, उन्हें और उनके तमाम मंत्रियों की आनन-फानन में छुट्टी कर दी गई। देश के सबसे शक्तिशाली औद्योगिक साम्राज्य से भी नितिन पटेल का नजदीकी रिश्ता उनके काम न आया। देखिए गुजरात की बागडोर किस भूपेंद्र पटेल को सौंपी गई जिनकी एकमात्र राजनैतिक पूंजी बस आनंदीबेन पटेल से उनकी निकटता है। वे पहली दफे के विधायक थे पर बने सीधे मुख्यमंत्री। आनंदीबेन को जब यूपी भेजा गया था तो इस हिदायत के साथ की उन्हें योगी की उद्दात महत्वाकांक्षाओं पर नकेल कस कर रखनी है, पर योगी तो योगी ठहरे, वे न तो दिल्ली से कंट्रोल हो पाए और न ही आनंदीबेन ही उनकी लगान कस पाईं। कहते हैं योगी के दिल्ली रवाना होते वक्त माननीय राज्यपाल के पास एक बंद लिफाफा भिजवाया गया था जिसमें कुछ मंत्रियों के नाम थे, जिन्हें योगी की कैबिनेट में शामिल होना था, पर दिल्ली की भावनाओं को भांपते हुए आनंदीबेन ने इस लिफाफे को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया, इस उम्मीद के साथ कि दिल्ली का निज़ाम भी उनकी उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को उतनी ही गंभीरता से लेगा।

 
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