अखिलेश का दांव कितना चलेगा? |
July 12 2022 |
यूपी में इन दिनों यह कहावत सिर चढ़ कर बोल रही है कि शिवपाल यादव ने जिसे भी अपना सहारा बनाया है वह राजनीति में बेसहारा हो गया है, इसकी ताजा मिसाल आजम खां को गिनाया जा रहा है। वैसे अखिलेश पहले ही भांप चुके थे कि उनके परिवार में ऐसा कौन है जिसमें उन्हें अभी से शिवपाल का अक्स दिख रहा है, तब घूम-फिर कर उनकी निगाहें अपने रिश्ते के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव पर टिक आई। तो उन्होंने आनन-फानन में धर्मेंद्र को आजमगढ़ उप चुनाव में मैदान में उतार दिया। सूत्रों की मानें तो धर्मेंद्र बदायूं छोड़ कर आजमगढ़ आना नहीं चाहते थे क्योंकि पिछले कुछ समय से वे बदायूं के ’विकास पुरूष’ कहलाने लगे थे, यही बात अखिलेश को नागवार गुजर रही थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र अपनी बदायूं सीट बचा नहीं पाए थे। बदायूं का सामाजिक व जातीय समीकरण सपा के हक में जाता है, इसे समाजवादियों का गढ़ भी कहा जाता है। अखिलेश 2024 के चुनाव में बदायूं से एक बार फिर उद्योगपति सलीम शेरवानी को मैदान में उतारना चाहते हैं। रही बात धर्मेंद्र की तो अगर वे आजमगढ़ उप चुनाव जीत जाते हैं तो फिर यह सीट उनकी पक्की, हार जाते हैं तो उनकी राह थोड़ी मुश्किल हो जाएगी। |
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