घर को आग लगी घर के चिराग से |
April 07 2021 |
कांग्रेस के असंतुष्ट नेता गुलाम नबी आजाद की अगुवाई वाले फ्रंट ’जी-23’ में भले ही टूट हो गयी हो और इससे निकल कर शशि थरूर, जितिन प्रसाद जैसे नेता फिर से अपने हाईकमान की शरण में पहुंच गए हों, पर आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे नेता ’जी-7’ की आड़ में अब भी आजाद के हाथों गुलाम बने हुए हैं। अब तो यह भी साफ हो गया है कि जिन राज्यों में चुनाव होंगे, उन राज्यों में ’जी-7’ के नेतागण अपनी ही पार्टी कांग्रेस के खिलाफ अलख जगाएंगे। आनंद शर्मा ने बंगाल चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ ट्वीट कर मोर्चा खोल दिया है। आने वाले समय में ’जी-7’ हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में रैलियां कर सकता है। कहा जा रहा है कि अगर हुड्डा चाहते तो हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार की नाक में दम कर सकते थे, पर हुड्डा की भंगिमाएं क्या बदली खट्टर सरकार ने पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव आसानी से जीत लिया। कहते हैं हुड्डा सीबीआई और ईडी के अपने केस को लेकर खासे परेशान हैं। 1500 करोड़ रूपए के मनेसर जमीन घोटाले मामले की जांच अभी भी सीबीआई कर रही है, इसके अलावा ईडी ने भी इसी फरवरी माह में हुड्डा को ‘मनी लांडरिंग’ मामले में सम्मन किया है। कहते हैं परेशान हुड्डा आजाद की शरण में आए और आजाद ने भाजपा के एक बड़े नेता से बात कर हुड्डा को इन मामलों में फौरी राहत दिलवा दी है। गुलाम नबी आजाद भी जम्मू-कश्मीर विधानसभा का अगला चुनाव अपनी क्षेत्रीय पार्टी बनाकर लड़ सकते हैं, चुनाव पश्चात सरकार बनाने के दौर में वे भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। |
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