बांग्लादेश को लेकर बवाल

July 05 2014


बांग्लादेश के साथ हमारी विदेश मंत्री की साड़ी डिप्लोमेसी चली न चली, भाजपा के अंदर एक कोहराम जरूर मच गया। सूत्र बताते हैं कि बांग्लादेश को वीज़ा नियमों में ढील दिए जाने की बात से युवा व खेल मामलों के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल इस कदर नाराज़ हुए कि उन्होंने मोदी से मिल कर अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। सनद रहे कि इससे पहले सोनोवाल असम गण परिषद में रहे थे, इसके बाद उन्होंने भाजपा ज्वॉइन किया था, वे असम के एक प्रभावी युवा नेता में शुमार होते हैं, चुनांचे इसीलिए भाजपा ने उन्हें अपना प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था। दरअसल मोदी भी उत्तर-पूर्व के अपने चुनावी भाषणों में पॉवर में आने पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापिस भेजने की बात कर रहे थे, यही बात सोनोवाल ने मोदी के समक्ष रखी कि वीजा निमयों में ढील के बाद भाजपा के लिए राज्य की राजनीति में कोई जगह नहीं बचेगी। चुतर सुजान मोदी ने सोनोवाल को समझाया कि अब वे बांग्लादेश मसले को स्वयं देखेंगे। सो, इस बाबत उन्हें चिता करने की कोई जरूरत नहीं है। यह बात पहले भी सामने आई थी कि वीज़ा नियमों में ढील देने की बात पर गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में गंभीर मतभेद थे। ऐसे में मोदी सरकार के एक प्रमुख मंत्री ने उन्हें सलाह दी कि जिस तरह यूपीए के जमाने में विदेश मंत्रालय मंं विभिन्न मामलों को देखने के लिए रिटायर्ड आईएफएस अफसरों को बतौर एडवाइजर नियुक्त किया जाता था, ऐसी ही परंपरा यह सरकार भी शुरू करें, इस पर मोदी का कहना था कि ‘चूंकि सुषमा जी हमारी पार्टी की बहुत सीनियर नेता हैं और हमारी वरिष्ठतम मंत्री हैं, सो हमें उनकी मर्जी के बगैर कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे उनकी भावनाएं आहत हों।’

 
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