मुंह तो दिखा कर रहेंगे

June 07 2015


यादव परिवार जानता है कि भारतीय सियासत में जो दिखता है, वही बिकता है। सो, जब से सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रियों-मुख्यमंत्रियों की तस्वीरें सरकारी विज्ञापनों में छपने पर रोक लगाई है, यूपी की सत्ता पर काबिज यादव परिवार इसके लिए शॉर्ट कट ढूंढने में लगा है। अखिलेश ने मंत्रिमंडल में शामिल अपने कुछ काबिल वकील मित्रों से सलाह ली और बीच का रास्ता निकाला गया कि किसी गतिविधि में शरीक रहते हुए मुख्यमंत्री की फोटो सरकारी खर्चे पर पत्र-पत्रिकाओं में छपवायी जा सकती है। जैसे पिछले दिनों कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम को यूपीसीए यानी यूपी क्रिकेट एसोसिएशन को 30 साल के लिए लीज पर दे दिया गया है, इसके लिए एमओयू पर साइन करते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और यूपीसीए के सचिव राजीव शुक्ला की बड़ी-बड़ी तस्वीरें तमाम अखबारों में यूपी जनसंपर्क विभाग के मार्फ्त छपीं। देखा-देखी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने भी इस परिपाटी का पालन करना शुरू कर दिया है, कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी फिलहाल लहरें गिन रहे हैं, चुनांचे अगर इस मामले में कोर्ट कोई संज्ञान नहीं लेता है तो वह भी अखिलेश की राहों पर चल पड़ेंगे। वहीं पिता-पुत्र यानी मुलायम-अखिलेश को कहीं न कहीं ऐसा लग रहा है कि कोर्ट के इस आदेश से मोदी को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है, देश भर में सिर्फ उनका ही चेहरा चमक रहा है। सूत्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में यूपी सरकार इस आदेश को चुनौती देने के लिए कोर्ट जा सकती है, पिता-पुत्र के काबिल वकीलों ने इस आशय के प्रतिवेदन को अंतिम रूप दे दिया है।

 
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