मोदी सब जानते हैं!

October 13 2014


मोदी फैंस क्लब के पुराने लोगों को मोदी सरकार के अभ्युदय के बाद भर-भर कर काम भी मिल रहा है और उसका दाम भी, पर वे अब भी नाम की पहचान से जूझ रहे हैं। अब अशोक मलिक का ही उदाहरण ले लें, उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि उन्हें पीएमओ में कोई रसूखदार पद मिलेगा। पर उनकी भावनाओं की अनदेखी करते मोदी ने उन्हें राम माधव का साथ ‘अटैच्ड’ कर दिया यानी वे मोदी की विदेश नीति को नई पहचान देने में दिलोजां से जुटे हैं, इन दिनों वे आस्ट्रेलिया में हैं और प्रधानमंत्री के संभावित आस्ट्रेलिया दौरे को धार देने में जुटे हैं। वे मोदी के एक थिंक-टैंक के मानिंद आचरण कर रहे हैं, पर उस आचरण को अब तक कोई औपचारिक पहचान नहीं मिल पाई है। अब मोदी-ब्रिगेड के एक और महत्त्वपूर्ण सदस्य स्वप्नदास गुप्ता की मिसाल ले लें, बहुत शोर था कि वे लंदन में भारत के उच्चायुक्त बनेंगे या प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार की नई भूमिका में अवतरित होंगे, पर हुआ क्या? कंचन गुप्ता भी ऐसा ही कुछ चाहते थे, पर मोदी गान के तमाम ऊफान के बाद भी वे फिलवक्त ठंडे बस्ते में ही हैं। सूर्या प्रकाश भी मोदी करीबियों में शुमार होते हैं, बहुत चर्चा थी कि उन्हें प्रसार भारती का सीईओ बनाया जाएगा, पर नतीजा क्या रहा, वही ढाक के तीन पात। वैसे ही तरुण विजय, शेषाद्रिचारी जैसे लोगों का भी यही हश्र है। यानी ऐसे लोग जो किसी न किसी बड़े सरकारी पद की आकांक्षा पाले हुए थे, मोदी ने उसे ‘बाबा जी का ठुल्लू’ थमा दिया। पर मोदी ने इतना जरूर किया है कि अपने ब्रिगेड के ऐसे लोगों को व्यस्त रखने के लिए उन्हें किसी न किसी महत्त्वपूर्ण नेता के साथ अनौपचारिक तौर पर जोड़ दिया है, मोदी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सरकार के खर्च पर अपने मित्रों को उपकृत करने का प्रधानमंत्री का कोई इरादा नहीं।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!