कांग्रेस की द्विविधा |
November 02 2016 |
अभी पिछले दिनों कांग्रेस के रवैया राहुल गांधी ने यूपी की अपनी कोर टीम की एक अहम बैठक बुलाई और उनके समक्ष यह यक्ष प्रश्न रखा कि अगर यूपी में पिता (मुलायम) पुत्र (अखिलेश) अकेले-अकेले चुनाव लड़ते हैं तो फिर कांग्रेस को किसके साथ गठबंधन करना चाहिए? पंचों की राय आई कि गठबंधन चाहे पुत्र के साथ हो या पिता के साथ कांग्रेस की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि सपा का वोट बैंक हालिया वाकयों से तेजी से उसकी झोली में से फिसला है। जहां तक मुस्लिम वोटरों की बात है वे थोकभाव में बसपा की ओर पलायन कर गए हैं। कांग्रेस को बस इसी सूरत में लाभ मिल सकता है अगर बिहार चुनाव की तर्ज पर यहां भी कोई महागठबंधन बने, जिसकी संभावना कम ही दिखती है चूंकि मायावती इसके लिए राजी नहीं हैं। लोग जानते हैं कि बहिन जी की चाबी क्यों भाजपा के पास है? |
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