नाराज़ महारानी को ऐसे मनाया भाजपा ने

March 15 2023


’तेरा यूं रूठ जाना तेरी आदतों में शुमार है
हम साये की तरह तेरी पलकों पर ठहरे रहे
और तुम धूप की तरह मेरी जिंदगी में आते-जाते रहे’

क्या वसुंधरा राजे सिंधिया और भाजपा दिल्ली शीर्ष के दरम्यान उस शह-मात के खेल पर विराम लग गया है, ‘ना तुम हारे ना हम जीते’ की तर्ज पर वसुंधरा और भाजपा शीर्ष के बीच हुई हालिया संधि के बाद राजस्थान भाजपा ने भी एक लंबे अंतराल के बाद चैन की सांस ली है। अब तक भाजपा के परचम-पोस्टर से नदारद रहने वाली महारानी की न सिर्फ भगवा खेमे में सहर्ष वापसी हो गई है, बल्कि अब वह भाजपा के आधिकारिक कार्यक्रमों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगी हैं। सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ समय से राजस्थान की सीट दर सीट भाजपा का सर्वेक्षण कार्य चल रहा था, इस सर्वेक्षण के नतीजों ने पार्टी शीर्ष को बाखबर कर दिया कि ’बिना वसुंधरा को साथ लिए राजस्थान में गहलोत फैक्टर से पार पाना किंचित आसान नहीं रहेगा।’ राजस्थान के विधानसभा चुनावों में दस महीनों से भी कम का वक्त बचा है। अब तक राज्य में वसुंधरा के अलग कार्यक्रम चल रहे थे और प्रदेश भाजपा के अलग। पर अब उम्मीद जताई जा रही है कि वसुंधरा के जन्मदिन के मौके पर 4 मार्च को चुरू के सालासर में जो भव्य कार्यक्रम आयोजित है उसमें वसुंधरा के पीछे भाजपा की प्रदेश इकाई भी कदमताल करती नज़र आएंगी, यूं तो वसुंधरा का जन्मदिन 8 मार्च को आता है, चूंकि इस बार 8 मार्च को होली आ गई है सो वसुंधरा ने अपने जन्मदिन के कार्यक्रम को 4 दिन पहले खिसका लिया है। वैसे भी राजस्थान भाजपा के एक महत्वपूर्ण नेता गुलाब चंद कटारिया को जब से गवर्नर बना कर जयपुर से बाहर का रास्ता दिखाया गया है, तब से ही इन कयासों को बल मिल रहे हैं कि भाजपा की ओर से राज्य में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा की सहमति से बनाया जाएगा, क्योंकि माना जा रहा है कि राज्य के 70 में से 40 विधायक वसुंधरा कैंप से ताल्लुक रखने वाले हैं। वैसे तो नेता प्रतिपक्ष के लिए वसुंधरा का दावा ही सबसे मजबूत है।

 
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