Posted on 11 November 2013 by admin
क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी के राजनैतिक गुरु कौन हैं? वे हैं सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली क्वॉन यू, जिन्हें एल.के.वॉय के नाम से जाना जाता है, ये अपने उदारवादी, सुधारवादी और क्रांतिकारी विचारों के लिए जाने जाते हैं, राहुल अपने गुरु से मिलने नियमित तौर पर सिंगापुर जाते हैं। राहुल ने राजनीति में आदर्शवादिता व शुचिता का फलसफा भी अपने गुरु से सीखा है और वे इस बात के लिए किंचित गंभीर हैं कि भारतीय शासन प्रणाली में किस मानिंद ‘ली क्वॉन मॉडल’ को लागू किया जाए। सनद रहे कि रफेल के बाद सिंगापुर को इस आधुनिक रूप में विकसित करने का श्रेय ली क्वॉन को जाता है, यही वजह है कि उन्हें ‘फादर ऑफ सिंगापुर’ भी कहा जाता है, ली क्वॉन तीन दफे सिंगापुर के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने कई नए विचारों के अलख भी जगाए, मसलन वे विश्व के उन चुनींदा नेताओं में शुमार होते हैं जिन्होंने सबसे पहले समलैंगिक अधिकारों की वकालत की। ली क्वॉन ने कैंब्रिज के फीटïï्स विलियन कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की और कैंब्रिज से ही उन्होंने डबल फस्र्ट क्लास ऑनर्स किया। इनका कुछ वक्त लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स में भी बीता। इन्होंने अपनी राजनैतिक पारी की शुरूआत भी इंग्लैंड से की, वे लेवर पार्टी के अपने एक दोस्त का कैंपेन संभाला करते थे, फिर उन्हें लगा कि अपने देश के लिए भी कुछ करना चाहिए और वे हमेशा के लिए सिंगापुर लौट आए और 1954 में पीपुल्स एक्शन पार्टी (पाप) नामक एक समाजवादी दल का गठन किया। आज सिंगापुर में ली क्वॉन के पुत्र ली हेंसिंग लोन 2004 से उनकी जगह प्रधानमंत्री हैं। राहुल न सिर्फ ली क्वॉन से मिलने सिंगापुर जाते हैं बल्कि फोन,मेल व स्काईप के जरिए लगातार उनके संपर्क में रहते हैं और हर अहम मसलों पर अपने गुरु की राय लेते हैं।
Posted on 01 September 2013 by admin
नरेंद्र मोदी नई सियासी संभावनाओं को तलाशने में जुट गए हैं। इसके लिए वे भाजपा व एनडीए को कुछ नए साथी दिलवाना चाहते हैं। साथ में यह भी चाहते हैं कि किसी वजह से जो भाजपा दिग्गज परिस्थितियोंवश पार्टी छोड़कर चले गए थे और अपनी नई पार्टी बना ली थी वे अपनी क्षेत्रीय पार्टी का विलय भाजपा में कर लें। येदुरप्पा की ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ से मोदी की बात पहले ही हो चुकी है। पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद येदुरप्पा का भाजपा में पुन: आना एक तरह से तय माना जा रहा है। पिछले दिनों मोदी ने ‘झारखंड विकास मोर्चा’ के बाबूलाल मरांडी को फोन किया और उनसे घरवापिसी की गुहार लगाई। पर मरांडी की ओर से उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। मरांडी ने कहा, ‘इस बात का सवाल ही नहीं उठता।’
Posted on 04 June 2012 by admin
बड़ी मुद्दत के बाद पिछले दिनों ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक छुट्टियां बिताने लंदन पहुंचे। उनके सम्मान में हिंदूजा बंधुओं ने वहां एक बड़ी पार्टी रखी, जिसमें अनिल अग्रवाल, लॉर्ड हमीद समेत तमाम बड़े अप्रवासी भारतीय मौजूद थे, विशुध्द देसी भारतीय वेष-भूषा में नवीन पटनायक पार्टी में तशरीफ लाए उन्होंने गले में एक लाल रंग का स्कार्फ बांधा हुआ था। प्रसन्नचित लग रहे पटनायक ने लंदन में गुजारे अपने पुराने दिनों को याद किया और जब उनसे यह पूछा गया कि राष्ट्रपति पद के लिए वे किस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे तो बजाए संगमा का नाम लेने के उन्होंने एक नया शिगुफा उछाल दिया कि जो भी सर्वसम्मति से उम्मीदवार तय होगा वे उसका समर्थन करेंगे।
Posted on 16 April 2012 by admin
संघ के एक वर्ग में अडवानी को लेकर अब भी कुछ शंकाएं हैं। पर मोटे तौर पर संघ यह मन बना चुका है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में वह पार्टी के प्रधानमंत्री कैंडिडेट के तौर पर नरेंद्र मोदी को आगे करेगा। संघ मोदी के हिंदुत्व व विकास को चाशनी में लपेट कर भाजपा का अगला एजेंडा पेश करना चाहता है। संजय जोशी को भी संघ की ओर से साफ-साफ निर्देश दिया गया है कि जितनी जल्दी हो वह मोदी से अपने मन-मुटाव दूर करे। संघ मोदी को लेकर प्रवीण तोगड़िया और किसान संघ के विरोध को भी ज्यादा महत्व देने के पक्ष में नहीं है। कहीं न कहीं गडकरी को भी यह साफ लफ्जों में बता दिया गया है कि 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी ही पार्टी का चेहरा होंगे।
Posted on 11 April 2012 by admin
झारखंड के राज्यसभा चुनाव को लेकर आयोग द्वारा सीबीआई जांच कराने की बात से कई लोगों की जान हलक में अटकी है, अर्जुन मुंडा के खासमखास आर.के.अग्रवाल चिंता में हैं कि उनके भाई की इनोवा कार में से सवा दो करोड़ रुपयों की बरामदगी हुई, अर्जुन मुंडा भी संकट में हैं। छापे के दौरान अग्रवाल के अकाऊंटेंट भी मौके पर मौजूद थे। रुपयों की बरामदगी भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है। सीबीआई डायरेक्टर ए.पी.सिंह के लिए भी यह परीक्षा की घड़ी है क्योंकि वे अर्जुन मुंडा के ओएसडी रह चुके हैं। और इस सीबीआई जांच की वजह से अर्जुन मुंडा की कुर्सी भी खतरे में जान पड़ती है।