ब्रांड मोदी की चमक फीकी |
April 18 2015 |
ऐसे वक्त में जबकि ब्रांड मोदी की चमक किंचित फीकी पड़ी है, बिहार का आसन्न विधानसभा चुनाव टीम शाह के लिए नाक का सवाल बन गया है। भले ही लालू व नीतीश के दरम्यान तलवारें अब भी तनी हों, पर जाहिर तौर पर ये दोनों ही राग-एका गा रहे हैं। भाजपा ने बिहार में अभी अपना एक जनमत सर्वेक्षण करवाया है और अगर इन सर्वेक्षण के नतीजों पर गौर किया जाए तो लोकसभा चुनावों के वक्त बिहार में मोदी की लोकप्रियता का आंकड़ा कोई 82 फीसदी था, दस-ग्यारह महीनों के अंतराल में अब यह घटकर मात्र 64 फीसदी रह गया है। बिहार के जातीय व सामाजिक समीकरण फिलवक्त जनता परिवार के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। राज्य के यादव, मुस्लिम, कुर्मी, महादलित और कुछ अगड़े वोटों का रूझान नीतीश-लालू की तरफ है और ये आंकड़े अकेले 50 फीसदी वोटों से ज्यादा के हैं। भाजपा में अंदरूनी खींचतान व घमासान ऊफान पर है और अगर अभी चुनाव हुए तो भाजपा को राज्य की 243 में से महज 96 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है। |
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