भाजपा ने वादा नहीं निभाया

August 14 2016


एक और घटनाक्रम में जब कलिखो पुल अपने लिए और भाजपा के लिए विधायकों का जुगाड़ कर रहे थे, तो कहते हैं भाजपा सुप्रीमो अमित शाह ने असम के कद्दावर भगवा नेता हेमंत बिस्वा सरमा को फोन कर कह दिया कि उन्हें पुल और उनके साथ के अन्य विधायकों का हर तरह से पूरा ध्यान रखना है। कहते हैं कि बिस्वा सरमा किसी बात पर भाजपा हाईकमान से रूठे थे। सो उन्होंने पुल और उनकी टीम की आवभगत का तो पूरा ध्यान रखा, उन्हें अपने होटल में अच्छी तरह रूकवाया पर किसी और तरह की मदद नहीं की। जब बहुमत सिद्ध करने की तारीख करीब आ रही थी तो सूत्रों का दावा है कि उस समय भी पुल को 47 विधायकों का समर्थन प्राप्त था, पर पुल विधायकों से किए वायदे पूरे नहीं कर पा रहे थे। कहते हैं शाह ने यह जिम्मा हेमंत बिस्वा के ऊपर छोड़ रखा था और हेमंत बिस्वा सरमा उस वक्त इतनी जहमत उठाने को तैयार नहीं थे। चुनांचे पुल की सियासी व्यूह रचना तितर-बितर हो गई। आहत पुल ने तब मजबूर होकर कांग्रेसी सांसद नीनांग एरिंग से बात की और उनसे कथित तौर पर कहा कि ‘वे घर आने को तैयार हैं,पर उनकी बस इतनी सी शर्त्त है कि वे नहीं तो, नबांग तुकी भी सीएम नहीं बनने चाहिए, किसी और को बना दो और मुझे लोकसभा का टिकट दे देना।’ पुल की कांग्रेस के साथ बात तो बन गई पर उनके दिल में एक टीस सुलगती ही रह गई।

 
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