बिहार के साथ बंगाल में चुनाव |
May 08 2015 |
वक्त की दरजीदारी ही सही, अवसर यहां सबसे बड़ा सच है। दीदी भी इसे शायद सबसे बड़ा मौका मान रही हों, बंगाल के निकाय चुनावों में अपने अश्वमेध घोड़े को सरपट भागता देख वह गदगद हैं और बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें अब एक साल का इंतजार नहीं चाहिए। दीदी ने मोदी के संग अपनी बातचीत में इशारों-इशाराें में उन्हें बता दिया है कि वह चाहती हैं कि बंगाल में भी चुनाव अपने नियत समय से पूर्व बिहार चुनाव के साथ हो जाएं। सियासी नेपथ्य की आहटों को समझने में सिद्दहस्त दीदी जानती हैं कि सीताराम येचुरी की ताजा ताजपोशी के बाद से लगातार सीपीएम बंगाल बनाम केरल के घरेलू झगड़े से जूझ रही है। कांग्रेस नेतृत्व विहीन है और मोदी-मैजिक बंगाल में कहीं दिखाई नहीं दे रहा, चुनांचे दीदी इसे चुनाव का सबसे उपयुक्त वक्त मानती हैं, रायटर्स बिल्डिंग पर अपनी एक और ताजपोशी के लिए। |
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