…और अंत में |
March 31 2021 |
भले ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पेट्रो पदार्थों की आसमान छूती कीमतों को काबू में लाने के लिए इसे जीएसटी के दायरे में लाने की बात कर रहे हों और इस मामले को जीएसटी काऊंसिल में भेजने के लिए उत्सुक दिख रहे हों। पर यह मामला इतना आसान नहीं। अगर सचमुच पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाता है तो इसकी कीमत आधी हो सकती है। सरकार को आयातित पेट्रोल 30 रूपए प्रति लीटर के आसपास मिलता है, अगर इसमें 5 रूपए डीलर कमीशन और हैंडलिंग चार्ज जोड़ दें तो यह 35 रूपए का हो जाएगा, इस पर अधिकतम 28 फीसदी जीएसटी भी लगा दी जाए तो इसमें 9.80 रूपए और जुड़ जाएगा, अगर इस पर 50 फीसदी केंद्र का सेस भी लगा दिया जाए तो 4.90 रूपए और, यानी पेट्रोल की कीमत फिर भी 50 रूपए से कम ही रह आएगी। पर केंद्र सरकार के मंसूबे और कुछ हैं, सरकार ने अपने ताजातरीन बजट में केवल पेट्रोल-डीजल से 3.60 लाख करोड़ रूपयों की टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा है, ऐसे में पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की संभावना ही मिथ्या लगती है। |
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