Posted on 26 December 2022 by admin
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक अनौपचारिक मुलाकात हुई। बातों ही बातों में येचुरी ने शाह के समक्ष अपना दर्द बयां करते हुए कहा-’आपने एक ऐसे व्यक्ति को राज्यसभा का सभापति बना दिया है जो सदन में विरोधी दल के नेता को बोलने ही नहीं देते। कई बार तो सदस्य की मूलभावनाएं भी आहत हो जाती हैं।’ इस पर शाह ने हंसते हुए कहा कि ’हमने सियासी अखाड़े में अपना हरियाणा का पहलवान उतारा है, जो बड़े-बड़े धुरंधरों को भी चित्त कर देगा। आपने बंगाल में तो इसका हश्र देखा ही है।’ इस पर येचुरी से कुछ कहते हुए नहीं बना।
Posted on 26 December 2022 by admin
इन दिनों चिराग पासवान के हौसले बम-बम है, जिस भाजपा ने नीतीश के संगत में आकर उन्हें बिसरा दिया था, आज नीतीश का साथ छूटने के बाद वही भाजपा उनकी चिरौरी कर रही है। भाजपा के नंबर दो भी इन दिनों यदा-कदा चिराग का हाल-चाल पूछ लिया करते हैं। सूत्रों की मानें तो जल्द ही चिराग के हाथ दिल्ली की कुर्सी लग सकती है। आने वाले दिनों में मोदी मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेरबदल होने जा रहा है, सूत्रों की मानें तो चिराग से वादा हुआ है कि इस फेरबदल में उन्हें एक अहम मंत्रालय से नवाजा जाएगा। भाजपा की कोशिश है कि चिराग अपने चाचा से अपनी नाराज़गी थूक दें और पासवान परिवार फिर से एक हो जाए, ताकि बिहार में नीतीश के खिलाफ एक नयी अलख जगाई जा सके।
Posted on 26 December 2022 by admin
राहुल गांधी के लिए बिहार आज भी सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा बना हुआ है। बिहार के कांग्रेस संगठन में व्यापक फेरबदल के बावजूद पार्टी का ग्राफ वहां अब भी उठ नहीं पा रहा। बिहार कांग्रेस के बड़े नेताओं की वफादारी अपने पार्टी हाईकमान से कहीं ज्यादा नीतीश या लालू के प्रति है। बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास जहां ‘नीतीश भक्त’ बताए जाते हैं, वहीं वहां के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह जाहिरा तौर पर लालू-तेजस्वी के ज्यादा प्यारे हैं। अभी गरीब दास के तौर पर बिहार यूथ कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिला है, उनकी निष्ठा भी लालू-तेजस्वी के साथ बताई जाती है। बिहार से पार्टी हाईकमान को लगातार यह शिकायतें मिल रही है कि संगठन में विभिन्न पदों के लिए बोली लग रही है। जिला अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष बनाने के नाम पर पैसे मांगे जा रहे हैं। राज्य में पार्टी को मजबूत करने के नाम पर एआईसीसी मेंबर से 25 हजार, पूर्व विधायकों से 60 हजार, विधायक से 1 लाख और मंत्रियों से 10 लाख रुपयों का डिमांड हो रही है, हाईकमान भी ऐसी खबरों पर हैरान-परेशान हैं, पर वहां से भी कोई एक्शन होता नहीं दिख रहा।
Posted on 26 December 2022 by admin
बेहद विश्वस्त सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली है कि सीआर पाटिल की उम्मीदवारी को लेकर स्वयं पीएम मोदी बेहद संजीदा हैं। सूत्रों का दावा है कि इस सिलसिले में संघ का मन जानने के लिए पीएम संघ के नंबर दो दत्तात्रेय होसाबोले से मिले थे और दत्तात्रेय के समक्ष उन्होंने अपने मन की भावनाओं को प्रकट करते हुए पाटिल को अगला भाजपाध्यक्ष बनाने के बारे में संघ की राय जाननी चाही थी। होसाबोले ने भी पाटिल की तारीफ करते हुए कहा कि ’वे भाजपा के एक सफल अध्यक्ष साबित हो सकते हैं, क्योंकि वे अच्छे संगठनकर्ता हैं, व्यवहार कुशल हैं और आम कार्यकर्ता भी उन्हें कभी भी आसानी से मिल सकता है।’ पर दत्तात्रेय होसाबोले की राय थी कि पाटिल की ताजपोशी के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना ही बेहतर रहेगा। क्योंकि अभी शीर्ष दो पदों पर वैसे नेता काबिज हैं जो गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में भाजपाध्यक्ष भी एक ऐसे ही राज्य के नेता को बनाना उचित नहीं रहेगा, भले पाटिल का जन्म महाराष्ट्र में हुआ है, पर उनकी कर्मभूमि हमेशा से गुजरात रही है।’ सो, दत्तात्रेय की स्पष्ट राय थी कि ’कम से कम 2024 के आम चुनाव तक जेपी नड्डा को ही पार्टी अध्यक्ष लेकर चलना चाहिए, इसके बाद ही पार्टी शीर्ष पर कोई फेरबदल मुनासिब रहेगा।’ पर इस बारे में अंतिम फैसला तो भाजपा हाईकमान (मोदी-शाह) को ही लेना है।
Posted on 26 December 2022 by admin
’रफ्ता-रफ्ता लौ जब इन चिरागों की जा रही थी
बुझा के ये रात हमने भी सिरहानों में रख ली थी
तुम्हें भी ज़िद थी मेरे ख्वाबों में बसर करना है
हमें भी ज़िद थी कि हमें सूरज बन कर चमकना है’
सियासत में जब नेपथ्य की चुगलियां आकार पाने लगती हैं तो उससे आगे के सियासी ’रोड मैप’ की थाह लगाई जा सकती है। पिछले दिनों जब पार्लियामेंट हाऊस एनेक्स में भाजपा सांसदों का जमावड़ा जुटा तो स्वयं पीएम मोदी ने गुजरात चुनाव की अभूतपूर्व जीत का श्रेय वहां के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को देते हुए उनकी तारीफों के पुल बांध दिए। कोई पांच-सात मिनट तक पीएम पाटिल की एक रौ में तारीफ करते रहे। पाटिल वैसे तो पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का भी जिम्मा संभाल चुके हैं। संसदीय सौंध की इस बैठक से निकलने वाले हर भाजपा सांसद को किंचित इस बात का इल्म हो चुका था कि आने वाले दिनों में पाटिल को पार्टी में कुछ बड़ा मिलने वाला है। इसके तुरंत बाद पाटिल ने दिल्ली जिमखाना क्लब में एनडीए के सहयोगी दलों और भाजपा सांसदों के लिए एक डिनर रखा। और सबसे खास बात तो यह है कि सांसदों को उन्होंने इस आग्रह के साथ डिनर में आमंत्रित किया कि ‘पीएम चाहते हैं कि ’सांसद महोदय इस डिनर में शामिल हों।’ इस डिनर में भाजपा व उसके सहयोगी दलों के सांसदों को ही आमंत्रित करने का आइडिया था। पर कहते हैं पाटिल ने अपनी राजनैतिक सूझ-बूझ का इस्तेमाल करते हुए शरद पवार जैसे नेताओं को भी इस भोज में आमंत्रित कर दिया था, यह और बात है कि पवार ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस डिनर में शामिल होने से पहले ही मना कर दिया।
Posted on 26 December 2022 by admin
पिछले दिनों चंद्रशेखर राव दिल्ली में थे, जहां उन्होंने अपनी नई नामित पार्टी ’भारत राष्ट्र समिति’ के पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया। इसके अगले रोज उन्होंने कोई 1500 से ज्यादा लोगों को भोजन पर आमंत्रित किया, जिसमें सांसद, विधायक, मंत्रिगण और उनकी पार्टी के कई पदाधिकारी भी शामिल थे। जहां राव ने इच्छा जताई कि उनकी तमन्ना 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की है। साथ ही राव ने नीतीश कुमार के उलट इस बात पर भी जोर दिया कि ’सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ कोई मजबूत फ्रंट तब तक तैयार नहीं हो सकता जब तक कि उसमें कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाता।’
Posted on 26 December 2022 by admin
आम आदमी पार्टी की पंजाब को लेकर चिंताएं बढ़ गई है, पार्टी की ओर से ही समय-समय पर अपने शासित राज्यों में सर्वेक्षण कराने की परंपरा है। पार्टी की एक मान्य एजेंसी की हालिया जनमत सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है कि ’अगर आज की तारीख में लोकसभा चुनाव हो जाएं तो आप पंजाब की 13 में से सिर्फ 4 संसदीय सीट ही जीत पाएगी।’ इसकी वजह है कि अकाली दल जमीनी स्तर पर ‘पंथिक पॉलिटिक्स’ कर रहा है, जो चिंता का विषय है। कांग्रेस अब भी वहां अस्त-व्यस्त हालत में है। कैप्टन के दलबल के साथ भाजपा में शामिल होने पर राज्य में भाजपा के जनाधार में वृद्धि हुई है, हिंदू वोट बड़े पैमाने पर कांग्रेस की झोली से छिटक कर भाजपा की ओर जा रहा है, आप के लिए चिंता का सबसे बड़ा सबव भी यही है।
Posted on 26 December 2022 by admin
मध्य प्रदेश की पार्टी यूनिट से लगातार अमित शाह को यह शिकायतें मिल रहीं थीं कि ज्योतिरादित्य राज्य में पार्टी के एक समांतर संगठन चला रहे हैं। सूत्रों की मानें तो सिंधिया पर यह आरोप लग रहे थे कि वे बार-बार भोपाल और ग्वालियर पहुंच कर अपने वफादार मंत्रियों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले रहे हैं और उनके साथ अपने भविष्य की रणनीति बुन रहे हैं। यही शिकायत मध्य प्रदेश के भगवा सीएम शिवराज सिंह चौहान की भी थी कि ’भाजपा में कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा नहीं हो सकता, चुनांचे भाजपा में ऐसी बैठकें बुलाने का अधिकार सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष के पास ही है।’ कहते हैं कि हाईकमान ने सिंधिया को बुला कर कड़ी फटकार लगाई है कि ’वे मध्य प्रदेश के बजाए अपने मंत्रालय पर फोकस करें।’ इसके बाद ही मीडिया में दिल्ली एयरपोर्ट की अव्यवस्थाओं को लेकर शोर मच गया और ज्योतिरादित्य को भी अपना फौरी फोकस उस ओर करना पड़ा।
Posted on 26 December 2022 by admin
हिमाचल में जब कांग्रेस को जीत मिली तो रानी साहिबा यानी कि मंडी से कांग्रेस की सांसद प्रतिभा सिंह ने खम्म ठोक कर कह दिया कि ’यह राजा वीरभद्र सिंह को हिमाचल की जनता की श्रद्धांजलि है।’ इसके बाद प्रियंका गांधी ने राजीव शुक्ला के मार्फ्त सभी विजयी कांग्रेसी विधायकों को मैसेज भिजवा दिया कि ’चाहे पार्टी का कोई भी नेता उन्हें अपने घर मीटिंग पर बुलाए, उन्हें नहीं जाना है।’ पर फिर भी रानी साहिबा के बुलाने पर 12 कांग्रेसी विधायक उनके घर चले ही गए, जबकि रानी साहिबा को उम्मीद थी कि कोई 25 विधायक तो इस बार उनके अपने जरूर हैं। इसके बाद प्रतिभा ने वीरभद्र के करीबी रहे और अब भाजपा में शामिल हर्ष महाजन के मार्फ्त भाजपा शीर्ष को संदेशा भिजवाया कि ’अगर बीजेपी उन्हें सीएम बनाने को तैयार हैं तो वे 12 से भी ज्यादा विधायकों का जुगाड़ कर सकती हैं।’ पर इस प्रस्ताव को पीएम मोदी की ’ना’ हो गई, पीएम नहीं चाहते थे कि गुजरात की इतनी बड़ी विजय पर ‘ऑपरेशन लोट्स’ के छीटें पड़े। अभी रानी साहिबा से सही वक्त आने तक इंतजार करने को कहा गया है, देखना है कि क्या रानी साहिबा भी आने वाले दिनों में कांग्रेस की एकनाथ शिंदे साबित होंगी।
Posted on 26 December 2022 by admin
दक्षिण भारत के दो प्रमुख नेता यानी डीएमके मुखिया एमके स्टालिन और कर्नाटक के जनता दल सेक्युलर के चीफ एचडी कुमारस्वामी अपने भविष्य की राजनीति का खाका तैयार करने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों नेताओं की तबियत नासाज़ चल रही है, यह भी सुना जा रहा है कि इन्हें हर महीने अपने इलाज के लिए सिंगापुर के माऊंट एलिजाबेथ अस्पताल जाना पड़ता है। स्टालिन ने तो अघोशित तौर पर अपने पुत्र उदयनिधि स्टालिन को अपना उत्तराधिकारी तय कर दिया है, उन्हें अपने कैबिनेट में मंत्री भी बना दिया है। यह तैयारी 2024 के चुनावों को लेकर है। हालांकि स्टालिन के पिता करूणानिधि घोषित तौर पर अपने को नास्तिक कहते थे, मगर स्टालिन के विचार अपने पिता से किंचित दीगर है, वे ब्राह्मणवाद और मनुवाद का तो समर्थन नहीं करते, पर भगवान में उनकी गहरी आस्था है। हर शुभ कार्य से पहले वे मदुरै के मीनाक्षी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए जाते हैं, वे अपने एक खास ज्योतिष की सलाहों पर भी अमल करते हैं, उस ज्योतिष के कहने पर ही उन्होंने अपना उत्तराधिकारी तय कर दिया है।