सुशील पर भी ठुकेगी कील |
July 24 2010 |
बिहार के अति महत्वाकांक्षी उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का सियासी भविष्य एक बड़े एनजीओ स्कैम के बाद गड्डमगड लग रहा है, और इस मसले पर पटना हाईकोर्ट के आक्रामक रुख को देखते हुए भाजपा व संघ भी एकबारगी सकते में है। सुशील मोदी पर अपनी एक चहेती स्वयंसेवी संस्था ‘समाधान सेवा समिति’ को गैर वाजिब तरीके से करोड़ों का फायदा पहुंचाने का आरोप है। सरकार की समेकित अल्प लागत स्वच्छता योजना के अंतर्गत शुष्क शौचालयों को जल प्रवाही शौचालय में परिवर्तित करने के लिए मोदी ने अपनी एक चहेती संस्था को राज्य के 4 जिलों के स्थानीय निकायों से बतौर पेशगी तकरीबन 5 करोड़ रुपए दिलवा दिए, जबकि वर्ष 2007 में इस संस्था की बैलेंसशीट मात्र 1 लाख 5 हजार रुपए की था, और वर्ष 2007-08 में संस्था ने अपनी बैलेंस शीट को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने के चक्कर में 8 लाख 11 हजार रुपए का फर्जीवाड़ा लोन के नाम पर कर दिया। इस मामले में इंटरनेशनल ह्युमन राइट्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए पटना हाईकोर्ट ने न केवल जांच के लिए कमेटी बना दी है अपितु इस पूरे मामले को विजिलेंस जांच के लिए भी सौंप दिया है, बिहार में सिर पर विधानसभा चुनाव है, चुनांचे ऐसी बातें अपना चाल, चरित्र व चेहरा बदलने की आपाधापी में जुटी भाजपा के लिए एक खतरे की घंटी साबित हो सकती है। |
Feedback |