सील से सीखे भारत |
May 08 2011 |
लादेन पर अमरीकी कार्यवाही को सरंजाम देने वाले नेवी सील कमांडरों की भी एक अनोखी दास्तां है, पूरी अमरीकी फौज में इसकी संख्या मात्र 2,500 से 3,000 के आसपास है। ‘सील’ में बने रहने की उनकी अधिकतम उम्र ही 29 साल है। रिकार्ड बताते हैं कि इनका एक भी मिशन कभी फेल नहीं हुआ है। सबसे दिलचस्प तो यह कि इस विंग में शामिल किसी भी कमांडर का न तो कोई नाम होता है न ही कोई चेहरा। चुनांचे इसमें से कोई कभी क्लेम ही नहीं कर सकता कि फलां ऑपरेशन में वह भी शामिल था। यह अपने सिर पर जो हेलमेट पहनते हैं पूरा ट्रांसमिशन सिस्टम इसी से जुड़ा होता है, जो आम तौर पर ऊपर उड़ रहे हेलिकॉप्टर से संचालित होता है। सो, अब वक्त आ गया है कि भारत दाउद या सईद के लिए महज खटराग न अलापे, ‘सील’ की तर्ज पर अपने यहां भी कोई ऐसा विंग गठित करे। |
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