सियासत रंगों की |
February 27 2011 |
कम लोगों को मालूम होगा कि ममता एक अच्छी पेंटर भी हैं, लिहाजा जब शुक्रवार को वह स्पीकर के चैंबर में पहुंची तो बातों-बातों में स्पीकर ने सुझाव दिया कि पार्लियामेंट एनेक्सी में वह अपनी एक कला प्रदर्शनी क्यों नहीं लगातीं? ममता मान गई हैं और अब तो उन्होंने अपनी प्रदर्शनी के लिए विषय का भी चयन कर लिया है-‘हिंसा या शांति’ इस प्रदर्शनी से ममता न केवल अपने राजनैतिक विरोधियों को शांति का पाठ पढ़ाना चाहती हैं, अपितु वह जानती है कि यह विषय ही वामपंथियों पर सीधा कटाक्ष होगा। वैसे भी तृणमूल अपने नववर्ष के ग्रीटिंग्स कार्ड में ममता की पेंटिंग्स या उनके किसी रेखा चित्र का ही इस्तेमाल करता है। आमतौर पर जब ममता कोलकाता-दिल्ली की फ्लाइट में होती हैं तो पूरे समय रेखाचित्र बनाने में ही तल्लीन रहती हैं, उनके पर्स में आप हमेशा एक नोट पैड और कलर स्कैच पेन पा सकते हैं। यानी बंगाल के सियासी कैनवस को अपनी कल्पनाओं के नए रंग से रंगना चाहती हैं दीदी! |
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