सिंह साहब का जहाज |
February 27 2011 |
राज्यसभा सांसद और बिहार के एक प्रमुख उद्योगपति के.डी.सिंह इन दिनों सियासत की नई उड़ान भर रहे हैं। पहले जब ये झारखंड तक ही सीमित थे तो केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय से अपनी दोस्ती के कसीदे पढ़ते थे, फिर ले-देकर राज्यसभा का जुगाड़ हो गया और वे दिल्ली आ पहुंचे, तो दिल्ली पहुंचकर सिंह साहब ने अपने लिए कुछ नए दोस्त बनाए जो पार्टी लाइन से दीगर थे। कांग्रेस में सलमान खुर्शीद और शशि थरुर, भाजपा में राजीव प्रताप रूढ़ी और तृणमूल में सांसद व राज्य मंत्री मुकुल राय। सिंह साहब के लिए दिल्ली नई थी, दोस्त नए थे, उम्मीदें नई थीं और एक नई सियासत का रास्ता नया था। सो, उन्होंने अपने नए दोस्तों को उपकृत करने की एक नई परिपाटी भी स्थापित कर दी, उन्होंने अपना प्राइवेट प्लेन अपने सियासी दोस्तों के लिए इतना ही सुलभ कर दिया-‘चाहे जहां जी चाहे उड़ो’ एक ओर इनकी सियासी महत्त्वाकांक्षाएं हिलौरे मारती रहीं तो दोस्तों ने भी सिंह साहब के जहाज को भी दौड़ा-दौड़ा के पानी पिलाया। जब इनकी कंपनी का एक पेचीदा मसला कंपनी अफेयर्स मंत्रालय में अटका पड़ा था तब तत्कालीन कंपनी अफेयर्स मंत्री सलमान खुर्शीद ने अनुकंपा दिखाते हुए मामले को फौरन निपटा दिया। |
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